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BUDGET 2022: जानिए निर्मला सीतारमण से इंश्योरेंस सेक्टर की क्या हैं उम्मीदें

Union Budget 2022: इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर जीएसटी की दर में कमी करने से पॉलिसी सस्ती होगी। इससे बीमा में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी

अपडेटेड Jan 24, 2022 पर 7:44 PM
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मेडिकल एक्सपेंडिचर में वृद्धि को देखते हुए हेल्थ पॉलिसी पर टैक्स छूट की सीमा बढ़नी चाहिए। अभी 60 से कम उम्र का व्यक्ति अपने परिवार के लिए मेडीक्लेम पॉलिसी खरीदकर सालाना 25,000 रुपये डिडक्शन का दावा कर सकता है। इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जा सकता है।

लाख कोशिशों के बावजूद देश में बीमा (Insurance) तक लोगों की पहुंच विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है। कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद लोगों को बीमा के फायदे समझ में आए हैं। जीवन बीमा और मेडीक्लेम पॉलिसी (Mediclaim Policy) की बिक्री बढ़ी है। लेकिन, यह नाकाफी है। बीमा उत्पादों तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट (budget 2022) बड़े ऐलान कर सकती हैं। इंश्योरेंस इंडस्ट्री को भी वित्त मंत्री से कई उम्मीदें हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

अभी इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। इसके चलते प्रीमियम काफी बढ़ जाता है। इसे घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है। इससे बीमा पॉलिसी का प्रीमियम घट जाएगा। सरकार को कम से कम 5 साल के लिए इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी करने की जरूरत है। इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने अपनी इस मांग के बारे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को बताया है।

बीमा कंपनियों का मानना है कि इंश्योरेंस पॉलिसी तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत इन्वेस्टमेंट लिमिट बढ़ाने की जरूरत है। अभी इसकी लिमिट 1.5 लाख रुपये है। इसे बढ़ाकर 2 से 2.5 लाख किया जा सकता है। दूसरा विकल्प यह है कि इंश्योरेंस पॉलिसी को 80सी के दायरे से बाहर कर इसके लिए अलग ब्रैकेट बना दिया जाए। इससे इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की पहुंच लोगों तक बढ़ाने में हेल्प मिलेगी।


मेडिकल एक्सपेंडिचर में वृद्धि को देखते हुए हेल्थ पॉलिसी पर टैक्स छूट की सीमा भी बढ़ाने की जरूरत है। अभी 60 से कम उम्र का व्यक्ति अपने परिवार के लिए मेडीक्लेम पॉलिसी खरीदकर सालाना 25,000 रुपये डिडक्शन का दावा कर सकता है। उसे बुजुर्ग माता-पिता के लिए पॉलिसी खरीदने पर सालाना 50,000 रुपये तक डिडक्शन मिलता है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत यह डिडक्शन मिलता है। इसे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि लोगों की जिंदगी लंबी होने से ज्यादा मेडिकल कवर जरूरी है।

वित्त वर्ष 2020-21 में देश में बीमा तक सिर्फ 4.2 फीसदी लोगों की पहुंच थी। इसमें लाइफ इंश्योरेंस की पहुंच 3.2 फीसदी और नॉन-लाइफ इंश्योरेंस की पहुंच 1 फीसदी थी। इसलिए लोगों की पहुंच बीमा उत्पादों तक बढ़ाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट में इसका ऐलान कर सकती हैं।

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