Budget 2022: वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन हो सकते हैं नए चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर, जानिए कौन है नागेश्वरन

डॉ. वी अनंत नागेश्वर को बिजनेस और आर्थिक मामलों का व्यापक अनुभव है। उन्होंने 1985 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजेमेंट (IIM), अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई की थी

अपडेटेड Jan 27, 2022 पर 12:38 PM
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नागेश्वर को अक्टूबर 2019 में इंडिया में प्रधानमंत्री के इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल का पार्ट-टाइम मेंबर भी नियुक्त किया गया था। उन्होंने दो साल तक यह जिम्मेदारी निभाई।

सरकार जल्द मुख्य आर्थिक सलाहाकर (Chief Economic Advisor) के नाम का ऐलान कर सकती है। वेंकटरमन अनंत नागेश्वरन (Venkatraman Anantha Nageswaran) का नाम इंडिया के सीईए पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है। अभी सीईए का पद खाली है। बीते दिसंबर में केवी सुब्रमण्यन का कार्यकाल बतौर सीईए खत्म हो गया था। अब तक नए सीईए की नियुक्ति नहीं हो पाई है। केवी सुब्रमण्यन तीन साल तक देश के सीईए रहे।

अग्रेजी बिजनेस न्यूज वेबसाइट मिंट ने खबर दी है कि इस हफ्ते सीईए पद पर नागेश्वरन के नाम का ऐलान हो सकता है। अगले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट (Union Budget) पेश करने जा रही हैं। उससे ठीक एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को वह संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। इकोनॉमिक सर्वे तैयार करने का काम मुख्य आर्थिक सलाहकार करता है। लेकिन, इस बार इसे सीईए की गैरमौजूदगी में तैयार किया जा रहा है।

डॉ. वी अनंत नागेश्वर को बिजनेस और आर्थिक मामलों का व्यापक अनुभव है। उन्होंने 1985 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजेमेंट (IIM), अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई की थी। फिर, 1994 में यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स से फाइनेंस में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। कई प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशंस के लिए रिसर्च वर्क में स्विट्जरलैंड में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है। वह अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2019 तक आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन रह चुके हैं। अक्टूबर 2019 में उन्हें इंडिया में प्रधानमंत्री के इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल का पार्ट-टाइम मेंबर भी नियुक्त किया गया था। उन्होंने दो साल तक यह जिम्मेदारी निभाई। वह क्रेडिट सुइस एजी और जूलियस बेयर ग्रुप के एग्जिक्यूटिव भी रह चुके हैं।


अगर नागेश्वर को सीईए नियुक्त किया जाता है तो उन पर ग्रोथ के रास्ते पर लौट रही इंडियन इकोनॉमी के लिए अहम पॉलिसी बनाने की जिम्मेदारी होगी। सीईओ का पद फाइनेंस मिनिस्ट्री में सेक्रेटरी के बराबर होता है। उसका काम आर्थिक मसलों पर सरकार को राय देने के साथ ही अर्थव्यवस्था के रास्ते में आने वाली अड़चनों की पहचान करना और उन्हें दूर करने के रास्ते सुझाना होता है।

इंडिया एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। कोरोना की मार के बाद अब यह तेज ग्रोथ के रास्ते पर लौट रही है। हालांकि,  पिछले दो साल में सरकार के ज्यादा खर्च करने से राजकोषीय घाटा बहुत बढ़ गया है। ऐसे में नए सीईए पर इकोनॉमी में मजबूती लाने की भी जिम्मेदारी होगी।

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