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बजट 2023 : वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम में किए बड़े बदलाव, क्या अब यह ओल्ड रिजीम से ज्यादा अट्रैक्टिव हो गई है?

Union Budget 2023: सरकार ने बजट 2020 में इनकम टैक्स की न्यू रिजीम पेश की थी। लेकिन, इसमें टैक्सपेयर्स दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। इसकी वजह यह थी कि ओल्ड रिजीम के मुकाबले यह फायदेमंद नहीं था। अब सरकार ने इसकी कमियां दूर कर दी है

अपडेटेड Feb 01, 2023 पर 8:43 PM
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फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2023 में न्यू रीजीम को मिडिल क्लास के लिए फायदेमंद बताया है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 115BAC के तहत पेश इस नई रीजीम में वित्तमंत्री ने बड़ा बदलाव किया है।

Budget 2023: सरकार ने इनकम टैक्स की नई रिजीम यूनियन बजट 2020 (Budget 2023) में पेश की थी। लेकिन, इसमें टैक्सपेयर्स दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2023 में न्यू रिजीम को मिडिल क्लास के लिए फायदेमंद बताया है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 115BAC के तहत पेश इस नई रीजीम में वित्तमंत्री ने बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि ओल्ड रिजीम के अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। आइए जानते हैं वित्तमंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम में क्या-क्या बदलाव के ऐलान किए हैं:

1. अब टैक्स कैलकुलेशन के लिए न्यू रिजीम डिफॉल्ट रीजीम होगी

फाइनेंस मिनिस्टर ने बजट भाषण में कहा कि हम न्यू रिजीम को इनकम टैक्स की डिफॉल्ट रीजीम बनाने जा रहे हैं। हालांकि, लोगों के पास पुरानी टैक्स रीजीम के इस्तेमाल का विकल्प होगा। जब तक कोई टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रीजीम को सेलेक्ट नहीं करता है टैक्स कैलकुलेशन और TDS न्यू टैक्स रीजीम के हिसाब से होंगे।

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2. न्यू टैक्स रीजीम में टैक्स रेट्स पहले से कम

न्यू टैक्स रिजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। साथ ही टैक्स रेट्स में कमी की गई है। 25 फीसदी वाले स्लैब को खत्म कर दिया गया है।

इनकम  टैक्ट रेट
0 से 3 लाख रुपये जीरो
3 से 6 लाख रुपये 5 फीसदी
6 से 9 लाख रुपये 10 फीसदी
9  से 12 लाख रुपये 15 फीसदी
12 से 15 लाख रुपये 20 फीसदी
15 लाख रुपये से अधिक 30 फीसदी

टैक्स रेट्स घटने से न्यू टैक्स रीजीम में टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ काफी घट जाएगा। अब उसके लिए ओल्ड रीजीम के मुकाबले न्यू टैक्स रीजीम ज्यादा आकर्षक हो जाएगी।

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3. सालाना 7 लाख रुपये तक की इनकम पर नहीं चुकाना होगा टैक्स

अब तक 5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ता था। इसकी वजह यह है कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत डिडक्शन मिल जाता था। अब सेक्शन 87ए के तहत डिडक्शन का लाभ सालाना 7 लाख रुपये तक की इनकम पर मिलेगा। इस तरह न्यू टैक्स रीजीम सेलेक्ट करने वाले टैक्सपेयर की आय अगर सालाना 7 लाख रुपये है तो उसे कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। 7 लाख रुपये तक की इनकम पर जीरो टैक्स का फायदा इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में उपलब्ध नहीं है।

4. अब न्यू टैक्स रीजीम में भी मिलेगा स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ

ओल्ड टैक्स रीजीम में टैक्सपेयर्स की ज्यादा दिलचस्पी दिखाने की बड़ी वजह यह थी कि इसमें कई तरह के डिडक्शन और एग्जेम्प्शन उपलब्ध हैं। साथ ही 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा भी मिलता है। यूनियन बजट 2023 में पेश प्रस्ताव के मुताबिक, फैमिली पेंशन के रूप में होने वाली इनकम और अग्निवीर कॉर्प्स फंड (सेक्शन 80सीसीएच) में दिए गए अमाउंट पर डिडक्शन का लाभ मिलेगा।

न्यू टैक्स रिजीम को बजट 2020 में पेश किया गया था। इसका मकसद ओल्ड रीजीम में मिलने वाले डिडक्शंस और एग्जेम्प्शन को खत्म करना था। देर से ही सही लेकिन सरकार ने इसकी कमियां समझ ली। सरकार ने माना कि इसमें टैक्सपेयर्स तभी दिलचस्पी दिखाएंगे जब इसमें टैक्स लायबिलिटी ओल्ड रीजीम के मुकाबले कम होगी। लेकिन ऐसा करने के लिए फाइनेंस मिनिस्टर ने न्यू टैक्स रीजीम में भी एग्जेम्प्शंस शुरू कर दी है। अगर न्यू टैक्स रीजीम का मकसद टैक्स सिस्टम को आसान बनाना था तो ऐसा टैक्स सिस्टम बेहतर हो सकता था, जिसमें सीमित डिडक्शंस के साथ टैक्स एग्जेम्प्शंस की लिमिट ज्यादा होती।

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