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Budget 2023: टेक्नोलॉजी पर फोकस, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस... से एग्री बिजनेस में बढ़ेगी हरियाली, आनंद रामनाथन ने जताई उम्मीद

Budget 2023: एग्री सेक्टर पर आज भी जीविकोपार्जन के लिए आबादी के बड़े हिस्से की निर्भरता है। इसलिए इस सेक्टर की तेज ग्रोथ से करोड़ों लोगों को फायदा होगा। सरकार को इस सेक्टर की तेज ग्रोथ के लिए पॉलिसीज और प्रोग्राम बनाने और उन्हें ठीक तरह से लागू करने की जरूरत है

अपडेटेड Dec 22, 2022 पर 10:19 AM
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आनंद रामनाथन ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, हॉर्टीकल्चर, लाइव स्टॉक प्रोडक्शन, ऑर्गेनिक फार्मिंग, स्मार्ट प्रोटींस, फ्लोरीकल्चर, डेयरी और न्यूटारस्यूटिकल्स की डिमांड बढ़ रही है। इसलिए सरकार को बजट में आवंटन बढ़ाने और मॉनिटरिंग मैकेनिज्म बनाने की जरूरत है।

Budget 2023: इंडियन इकोनॉमी में कृषि का बड़ा रोल है। यह क्षेत्र बड़ी संख्या में लोगों के जीविकोपार्जन के स्रोत उपलब्ध कराता है। एक अनुमान के मुताबिक, इंडिया 2030 तक एग्रीटेक और अलायड सेगमेंट्स में 272 अरब डॉलर के इनवेस्टमेंट से 813 अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल कर सकता है। एग्रीकल्चर सेक्टर (Agriculture Sector) धीरे-धीरे ट्रेडिशनल फॉर्मिंग से हॉर्टीकल्चर और लाइवस्टॉक (पशुओं) प्रोडक्शन की तरफ बढ़ रहा है। इनकम लेवल बढ़ने, शहरीकरण और कंजम्प्शन की आदतों में बदलाव से फ्रेश और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ रही है। सरकार ने PLI सहित कई कई प्रोग्राम शुरू किए हैं, जिनका मकसद फूड प्रोसेसिंग सेक्टर (Food Processing Sector) को बढ़ावा देना है। इसके लिए सरकार ने पॉलिसीज भी बनाई है।

कृषि उत्पादों की ढुलाई हवाई जहाजों से करने के लिए Krishi UDAN 2.0 स्कीम शुरू की गई है। एग्री मार्केटिंग से जुड़ी सेवाएं देने के लिए सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए एक कंपोजिट पोर्टल शुरू किया गया है। सरकार को अब इज ऑफ डूइंग बिजनेस, टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने वाली पॉलिसीज, फूड एंड एग्री बिजनेस सप्लाई चेन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर फोकस करने की जरूरत है।

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डिमांड के हिसाब से प्रोडक्शन को एडजस्ट करने और इनकम बढ़ाने के लिए उत्पादों की मार्केटिंग और डिमांड पैदा करने के लिए पॉलिसीज बनाई जा सकती हैं। इस सेक्टर में इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने की भी जरूरत है। इससे एग्रीकल्चरल इकोसिस्टम और प्रैक्टिसेज में बदलावा देखने को मिलेगा।

सेक्टर की ग्रोथ के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर फोकस

फूड प्रोसेसिंग, हॉर्टीकल्चर, लाइव स्टॉक प्रोडक्शन, ऑर्गेनिक फार्मिंग, स्मार्ट प्रोटींस, फ्लोरीकल्चर, डेयरी, न्यूटारस्यूटिकल्स की डिमांड बढ़ रही है। इसलिए सरकार को बजट में आवंटन बढ़ाने और मॉनिटरिंग मैकानिज्म बनाने की जरूरत है। इससे पॉलिसीज को लागू करने में मदद मिलेगी। डेडिकेटेड अप्लिकेशन फाइलिंग, प्रोसेसिंग और ट्रैकिंग सपोर्ट के लिए सिंगल-विंडो मैकानिज्म को बेहतर बनाने की जरूरत है। एप्रूवल्स और क्लियरेंसेज के लिए 'वन-स्टॉप शॉप' की शुरुआत की जा सकती है। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ेगा।

सरकार को एक यूजर-फ्रेंडली पोर्टल शुरू करना चाहिए, जिसमें कई भाषाओं में कंटेंट होने चाहिए। इससे सरकार की स्कीमों और पॉलिसी के बारे में एग्री सेक्टर के लोगों को बताने में मदद मिलेगी। एग्री एक्सपोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार को डॉक्युमेंटेशन प्रोसेस को आसान बनाने की जरूरत है। पैकेंजिंग और फूड सेफ्टी के मामले में लेटेस्ट इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स अपनाने की जरूरत है।

टेक्नोलॉजी तैयार करने और उसके इस्तेमाल के लिए पॉलिसीज

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), रिमोट सेंसिंग, बिग डेटा, ब्लॉक चेन, IoT, GIS टेक्नोलॉजी, ड्रोन और रोबोटिक्स के इस्तेमाल से एग्रीकल्चर वैल्यू चेन में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। अभी देश में इन डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरुआती अवस्था में है। मशीनाइजेशन टूल्स की सीमित पहुंच, जागरूकता का अभाव और स्मॉल होल्डर्स फर्म इसकी वजहें हैं। सरकार ने नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन शुरू किया था। सरकार को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, सस्ती टेक्नोलॉजी और ईज ऑफ एक्सेस एंड ऑपरेशंस के जरिए इसे सपोर्ट करने की जरूरत है।

(आनंद रामनाथन डेलॉयट इंडिया में पार्टनर हैं)

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