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Budget 2024 expectations: मनरेगा के लिए बढ़ेगा आवंटन, पिछले 10 साल में हर साल एक्चुअल खर्च 30% ज्यादा

Budget 2024: सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में बजट में MGNREGA पर 60,000 करोड़ रुयये के खर्च का अनुमान लगाया था। लेकिन, इस स्कीम पर वास्तविक खर्च बढ़कर 86,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया

अपडेटेड Jul 05, 2024 पर 6:16 PM
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Budget 2024-25: कोविड की महामारी के बाद के सालों में मनरेगा के शुरुआती बजट अनुमान और वास्तविक खर्च के बीच फर्क बढ़ा है।

पिछले एक दशक में महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी स्कीम (मनरेगा) पर हर साल सरकार को अपना खर्च बढ़ाना पड़ा है। खबरें हैं कि सरकार इस महीने पेश होने वाले बजट में मनरेगा के लिए ऐलोकेशन बढ़ा सकती है। मनीकंट्रोल की स्टडी से पता चला है कि पिछले एक दशक में इस स्कीम पर सरकार ने बजट में तय शुरुआती अनुमान के मुकाबले ज्यादा यानि औसतन 29.6 फीसदी खर्च किया है। खास बात यह है कि कृषि सेक्टर की ग्रोथ कितनी भी रही हो, सरकार को मनरेगा पर अपना खर्च बढ़ाना पड़ा है।

कोविड के दौरान खर्च काफी बढ़ा था

सरकार ने FY24 में MGNAREGA पर 86,000 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि बजट में सरकार ने खर्च के लिए शुरुआती अनुमान 60,000 करोड़ रुपये रखा था। FY21 में कोविड की महामारी के दौरान सरकार ने मनरेगा पर बजट अनुमान से 80.8 फीसदी ज्यादा खर्च किए थे। अगर कोविड की महामारी वाले FY21 और FY22 को छोड़ दिया जाए तो भी इस स्कीम पर सरकार का खर्च शुरुआती बजट अनुमान से 18 फीसदी ज्यादा रहा है।


कोविड के बाद के सालों में ज्यादा बढ़ा है खर्च

मनीकंट्रोल की स्टडी से पता चला है कि कोविड की महामारी के बाद के सालों में मनरेगा के शुरुआती बजट अनुमान और वास्तविक खर्च के बीच फर्क बढ़ा है। FY16 और FY20 के दौरान बजट अनुमान और वास्तविक खर्च के बीच फर्क 16 फीसदी था। FY22 और FY24 के दौरान यह बढ़कर 34.2 फीसदी हो गया। यह ध्यान में रखना होगा कि इस दौरान कृषि क्षेत्र की ग्रोथ काफी सुस्त रही।

सरकार के कुल खर्च में मनरेगा की हिस्सेदारी नहीं बढ़ी

डेटा से पता चलता है कि सरकार के पास MGNREGA का दायरा बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। मनरेगा पर हर साल खर्च बढ़ने के बावजूद कुल बजट में इसकी हिस्सेदारी घटी है। FY24 में सरकार ने मनरेगा पर 86,000 करोड़ रुपये खर्च किए। यह सरकार के कुल खर्च का सिर्फ 1.3 फीसदी था। FY19 में सरकार के कुल खर्च में MGNREGA की हिस्सेदारी 2.1 फीसदी थी।

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केंद्र सरकार की योजनाओं की हिस्सेदारी कुल खर्च में बढ़ी है

मनीकंट्रोल की पहले की एक स्टडी से यह भी पता चला था कि पिछले दशक में केंद्र सरकार के कुल खर्च में केंद्र सरकार की स्कीमों पर केंद्र के खर्च की हिस्सेदारी बढ़ी है। इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जैसी स्कीमें हैं। इनमें सब्सडी और डारेक्ट ट्रांसफर का 100 फीसदी पैसा केंद्र सरकार की तरफ से खर्च किया जाता है। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार की ऐसी स्कीमें जिनके खर्च में राज्यों की हिस्सेदारी है, उनकी केंद्र के कुल खर्च में हिस्सेदारी घटी है। MGNREGA इसका उदाहरण है।

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