म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से कई उम्मीदें हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (एंफी) ने इंडस्ट्री के उम्मीदों के बारे में बताया है। उसने कहा है कि इस महीने पेश होने वाले बजट में लिस्टेड शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर कैपिटल गेंस टैक्स से छूट की सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये की जा सकती है। उसका मानना है सरकार म्यूचुअल फंड की पेंशन स्कीम के लिए NPS जैसे टैक्स नियम लागू कर सकती है। फंड ऑफ फंड, गोल्ड फंड और ओवरसीज फंड पर टैक्स में राहत दी जा सकती है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट की सीमा 2 लाख की जाए
AMFI ने कहा है कि सरकार को लिस्टेड कंपनियों के शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (Long Term Capital Gains Tax) से छूट की मौजूदा 1 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये करनी चाहिए। साथ ही शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स 3 साल से ज्यादा समय तक रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट मिलनी चाहिए। अभी उन्हें 12 महीनों के बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के नियम लागू होते हैं। एक लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस को टैक्स से छूट हासिल है। उससे ज्यादा कैपिटल गेंस पर 10 फीसदी टैक्स लगता है।
एंफी ने कहा है कि डेट म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स 3 साल के बाद बेचने पर बगैर इंडेक्सेशन 10 फीसदी के रेट से टैक्स लगना चाहिए। सरकार ने पिछले साल के फाइनेंस बिल में संशोधन किया था। इसके मुताबिक, इक्विटी में 35 फीसदी से कम निवेश वाले म्यूचुअल फंडों को बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स और इंडेक्सेशन के नियम लागू नहीं होंगे। उन्हें बेचने पर होने वाला गेंस इनवेस्टर्स की इनकम में जोड़ दिया जाएगा। फिर उस पर इनवेस्टर्स के टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा। पहले डेट म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स तीन साल के बाद बेचने पर इंडेक्सेशन के बाद 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता था।
फंड ऑफ फंड, ओवरसीज फंड को रिलीफ
एंफी ने इक्विटी ओरिएंटेड फंड्स (EoF) की परिभाषा बदलने की सलाह दी है। उसने कहा है कि इसमें ऐसे फंड ऑफ फंड में किए गए निवेश को शामिल करना चाहिए, जो अपने कॉर्पस का कम से कम 90 फीसदी इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंडों में निवेश करते हैं। इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स अपना कम से कम 65 फीसदी कॉर्पस लिस्टेड कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं। इससे एफओएफ स्कीम की यूनिट्स को बेचने पर लिस्टेड शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स की तरह टैक्स लगेगा। अभी एफओएफ के ईओएफ के जरिए स्टॉक्स में निवेश करने के बावजूद उन पर नॉन-इक्विटी ओरिएटेंड म्यूचुअल फंड की तरह लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता है।