Budget 2024: सैलरीड क्लास को एक साथ मिल सकते हैं कई तोहफे, जानिए उसकी मुख्य मांग क्या-क्या हैं

Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में सैलरीड क्लास के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं किया था। इससे इस वर्ग को काफी निराशा हुई थी। इसलिए इस बार उम्मीद है कि बजट में सैलरीड क्लास को कई तोहफे मिल सकते हैं

अपडेटेड Jun 27, 2024 पर 1:21 PM
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Budget 2024: सरकार ने अब तक बजट पेश होने की तारीख का ऐलान नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि बजट 22 से 24 जुलाई के बीच पेश हो सकता है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से सैलरीड क्लास को कई उम्मीदें हैं। वित्तमंत्री ने अंतरिम बजट में सैलरीड क्लास के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं किया था। इसलिए अगले महीने पेश होने वाले बजट से सैलरीड क्लास को कई उम्मीदें हैं। सीआईआई और पीएचडीसीसीआई जैसे प्रमुख उद्योग चैंबर्स ने निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात में मिडिल क्लास पर इनकम टैक्स का बोझ घटाने की सलाह दी थी। इससे भी इस बार मिडिल क्लास की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वित्तमंत्री अगले महीने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का फुल बजट पेश करेंगी। हालांकि, सरकार ने अब तक बजट पेश होने की तारीख का ऐलान नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि बजट 22 से 24 जुलाई के बीच पेश हो सकता है।

सैलरीड क्लास की मुख्य मांगें

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार सैलरीड क्लास (Salaried Class) को इनकम टैक्स (Income Tax) में राहत के साथ ही ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली और 8वें वेतन आयोग के गठन के ऐलान की उम्मीद है। सरकारी एंप्लॉयीज की यूनियंस लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग करती रही हैं। हालांकि, सरकार के इस मांग के मानने की कम ही उम्मीद है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सरकारी एंप्लॉयीज के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन का ऐलान कर सकती हैं। पिछले वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था। इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू की गई थीं।


इनकम टैक्स में राहत

सैलरीड क्लास की दलील है कि पिछले कुछ सालों में महंगाई बढ़ी है। इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इनकम बढ़ने के बावजूद उनके हाथ में पैसे नहीं बच रहे हैं। ऐसे में सरकार अगर इनकम टैक्स में राहत देती है तो उन्हें काफी फायदा होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार की वित्तीय स्थिति अच्छी है। उसका खर्च नियंत्रण में है। पूंजीगत खर्च बढ़ाने के बावजूद फिस्कल डेफिसिट नहीं बढ़ा है। ऐसे में सरकार टैक्सपेयर्स खासकर मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास को इनकम टैक्स में राहत दे सकती है। सरकार के ऐसा करने पर करोड़ों लोगों को फायदा होगा।

बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाई जाए

अभी इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख रुपये है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक करने की जरूरत है। इससे सैलरीड क्लास को बहुत राहत मिलेगी। ज्यादा टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करते हैं। पिछले साल टैक्स फाइलिंग प्लेटफॉर्म क्लियर के एक सर्वे के नतीजों के मुताबिक करीब 85 फीसदी इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करते हैं।

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टैक्स का रेट कम किया जाए

ओल्ड रीजीम में 5 से 10 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर 60 साल तक के उम्र के लोगों को 20 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है। 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर टैक्स 30 फीसदी है। इसमें कमी करने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ सालों में सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में काफी कमी की है। लेकिन, मिडिल क्लास पर ध्यान नहीं दिया है।

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First Published: Jun 27, 2024 11:04 AM

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