Apple ने चुपचाप भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। हालांकि, उसके ज्यादातर महंगे पुर्जे अब भी विदेश से ही आते हैं। Moneycontrol के विश्लेषण के मुताबिक, 2018 में जहां सिर्फ 8 कंपनियां भारत से जुड़ी थीं, वहीं 2023 तक यह संख्या बढ़कर 14 हो गई। अगर तुलना करें तो 2018 में Apple की 191 सप्लायर कंपनियों में 8 भारत से जुड़ी थीं, जबकि 2023 में 187 सप्लायरों में से 14 का काम भारत में है। Apple की सप्लाई चेन अब भी 30 से ज्यादा देशों में फैली हुई है, जिनसे iPhone, Watch और AirPods के लिए पुर्जे मिलते हैं।
फिलहाल ज्यादातर पुर्जे अलग-अलग देशों से इकट्ठे कर एक जगह भेजे जाते हैं और फिर वहां से भारत के असेंबली यूनिट्स तक आते हैं। उदाहरण के लिए, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) में पुर्जे बाहर से आते हैं, लेकिन उनका जोड़-तोड़ (sub-assembly) भारत में होता है।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि Apple के सप्लायरों की असली संख्या 35-40 हो सकती है, क्योंकि कुछ छोटे असेंबली पार्टनर भी इसमें शामिल हैं।
भारत में वैल्यू एडिशन अभी भी कम
भारत में Apple का लोकल योगदान अभी सीमित है। यहां मुख्य रूप से बैटरी, चार्जर, पैकेजिंग, बॉक्स, केबल जैसे सामान बनाए जाते हैं। इनसे iPhones में कुल वैल्यू एडिशन लगभग 20% होता है। सरकार चाहती है कि इसे 30–40% तक बढ़ाया जाए।
Apple की सप्लाई चेन में चीन का दबदबा है। 2023 में Apple की 470 सप्लायर यूनिट्स में से 157 चीन से थीं। इसके बाद 48 सप्लायर के साथ ताइवान आता है। बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां जैसे Infineon, ON Semiconductor और STMicroelectronics अलग-अलग देशों में फैक्ट्री चलाती हैं, जिससे Apple को अहम पुर्जों की लगातार सप्लाई मिलती है।
भारत का Apple सप्लाई में हिस्सा 2019 में सिर्फ 1% था, जो 2023 में बढ़कर 3% हो गया। सरकार चाहती है कि डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल जैसी महंगी असेंबली भी भारत में शुरू हो। उम्मीद है कि ECMS 2.0 स्कीम से मंजूरी मिलने पर यह संभव होगा, जिससे भारत का योगदान और बढ़ जाएगा।
2018 में भारत से जुड़ी कंपनियां सिर्फ 8 थीं- जैसे Flex, Foxconn, Wistron, Salcomp, Sunwoda, Shenzhen YUTO और CCL Design।
2023 तक यह संख्या बढ़कर 14 हो गई, जिनमें Jabil, Pegatron, Tata Electronics, TDK, Zhen Ding और Interplex भी शामिल हैं। कुछ पुराने सप्लायर अब भी जुड़े हैं, जबकि नए बड़े नाम भारत में निवेश कर रहे हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट के अनुसार, Apple फिलहाल भारत से नॉन इंटेलिजेंस कॉम्पोनेंट ही सोर्स कर रहा है।