14 क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर हटाने के बाद कई मंत्रालयों के QCO 1-2 साल के लिए टालने पर विचार, MSMEs की होगी बल्ले-बल्ले

सूत्रों के मुताबिक सरकार 1 से 2 साल के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर टाल सकती है। इस योजन के तहत कॉपर,वायर,एल्युमिनियम,एलोय और फर्नीचर से जुड़े क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर टल सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स केंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के ऑर्डर भी टाले जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस के QCO भी टाले जा सकते हैं

अपडेटेड Nov 26, 2025 पर 1:40 PM
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नवंबर महीने में ही कुछ दिन पहले भारत सरकार ने केमिकल, पॉलिमर और फाइबर से जुडी इंडस्ट्री को बड़ी राहत देते हुए 14 BIS क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर वापस ले लिए थे

Quality Control Orders : 14 क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर हटाने के बाद सरकार कई मंत्रालयों के क्वालिटी कंट्रोल आर्डर 1-2 साल के लिए टालने पर विचार कर रही है। इससे कॉपर, वायर,एल्युमिनियम,एलॉय और फर्नीचर बनाने वालों को बड़ा फायदा होगा। पूरी खबर बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कई मंत्रालय QCO यानी यानि क्वालिटी कंट्रोल आर्डर टालने पर विचार कर रहे हैं। हाई लेवल कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार 1 से 2 साल के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर टाल सकती है। इस योजन के तहत कॉपर,वायर,एल्युमिनियम,एलोय और फर्नीचर से जुड़े क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर टल सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स केंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के ऑर्डर भी टाले जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस के QCO भी टाले जा सकते हैं।

इंडस्ट्री लंबे समय से क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर टालने की मांग कर रही थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि QCO टालने से MSME सेक्टर को फायदा मिल सकता है। यह मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, एक्सपोर्ट को प्रोत्साहित करने और Ease of Doing Business को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। BIS ने 733 प्रोडक्ट के QCO जारी किए थे।


बताते चले की अभी नवंबर महीने में ही कुछ दिन पहले भारत सरकार ने केमिकल, पॉलिमर और फाइबर से जुडी इंडस्ट्री को बड़ी राहत देते हुए 14 BIS क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (Quality Control Orders - QCOs) वापस ले लिए थे। ये ऑर्डर केमिकल, प्लास्टिक और टेक्सटाइल सेक्टर में उपयोग होने वाले प्रमुख रॉ मैटेरियल्स जैसे टेरेफ्थेलिक एसिड (Terephthalic Acid), एथिलीन ग्लाइकोल (Ethylene Glycol), पॉलिएस्टर यार्न और फाइबर (Polyester Yarns & Fibres) तथा प्रमुख प्लास्टिक्स जैसे पॉलीप्रोपलीन (Polypropylene), पॉलीइथिलीन (Polyethylene), पीवीसी (PVC), एबीएस (ABS) और पॉलीकार्बोनेट (Polycarbonate) से संबंधित थे।

 

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