भारत और न्यूजीलैंड ने मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement or FTA) पर बातचीत पूरी होने की घोषणा की है। इसका मकसद सामान और निवेश में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है। यह बातचीत इस साल मई में शुरू हुई थी। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ FTA पर बातचीत पूरी हो गई है। इस समझौते से भारत को निर्यात होने वाले न्यूजीलैंड के 95 प्रतिशत प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम हो जाएगा या पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
लक्सन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह अनुमान लगाया गया है कि आने वाले दो दशकों में न्यूजीलैंड से भारत को सालाना होने वाला निर्यात 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है। आगे कहा कि यह समझौता दोनों देशों की मजबूत दोस्ती पर बेस्ड है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इससे न्यूजीलैंड के कारोबारों को 1.4 अरब भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंचने का अवसर मिलता है।
FY25 में दोनों देशों के बीच 1.3 अरब डॉलर का ट्रेड
वित्त वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार करीब 1.3 अरब डॉलर था। इसमें भारत का निर्यात 71.11 करोड़ डॉलर और आयात 58.71 करोड़ डॉलर रहा था। न्यूजीलैंड की एवरेज इंपोर्ट ड्यूटी केवल 2.3 प्रतिशत है, जबकि भारत की 17.8 प्रतिशत है। भारत, न्यूजीलैंड को अच्छा खासा निर्यात करता है। इसमें ईंधन, कपड़े और दवाइयों, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का प्रमुख योगदान है। अन्य प्रमुख निर्यात में मोटर व्हीकल और उनके कलपुर्जे, कागज व पेपरबोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक्स, लोहा और स्टील, झींगा, बासमती चावल और गोल्ड ज्वैलरी शामिल हैं।
इसके उलट भारत को न्यूजीलैंड के निर्यात में कच्चे माल व कृषि संबंधी चीजों का दबदबा है। लकड़ी और लकड़ी से बने प्रोडक्ट्स, लकड़ी का गूदा, कागज, स्टील स्क्रैप एल्युमीनियम स्क्रैप, कोकिंग कोयला, टर्बोजेट इंजन, ऊन, दूध ‘एल्ब्यूमिन’, सेब, और कीवी फल भी प्रमुख हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की ओर से न्यूजीलैंड को सेवाओं का निर्यात 21.41 करोड़ अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि न्यूजीलैंड की ओर से भारत को सेवाओं का निर्यात 45.65 करोड़ अमेरिकी डॉलर था। भारत से सेवा निर्यात में आईटी व सॉफ्टवेयर सर्विसेज, दूरसंचार सहायता, हेल्थकेयर और वित्तीय सर्विसेज शामिल हैं। न्यूजीलैंड के सेवा निर्यात में शिक्षा का दबदबा है। इसके बाद पर्यटन, फिनटेक सॉल्यूशंस और विशेष विमानन प्रशिक्षण का स्थान है।
द्विपक्षीय आर्थिक संबंध होंगे और मजबूत
भारत ने कहा है कि न्यूजीलैंड के साथ यह समझौता द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और गहरा करेगा, बाजार पहुंच को बढ़ाएगा और निवेश को भी बढ़ावा देगा। साथ ही यह दोनों देशों के इनोवेटर्स, उद्यमियों, किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों, छात्रों और युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खोलेगा। दोनों देशों ने अगले 5 साल में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के साथ-साथ अगले 15 साल में न्यूजीलैंड की ओर से भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने को लेकर विश्वास जताया है।