Budget 2024 : अंतरिम बजट में सरकार का फोकस सामाजिक सुरक्षा पर हो सकता है। सरकार खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा बढ़ाना चाहती है। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों को देखते हुए इसके लिए बजट में ऐलान हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि करोड़ो डोमेस्टिक वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के उपायों पर सरकार विचार कर रही है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट (Union Budget 2024) पेश करेगी। पूर्ण बजट जुलाई में पेश होने की उम्मीद है। सरकार ने 2019 के अंतरिम बजट में बड़े ऐलान किए थे। तब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था।
बजट 2024 : मिनिमम मजदूरी, पेंशन, मेडिकल इंश्योरेंस के उपाय हो सकते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोमेस्टिक वर्कर्स के लिए मिनिमम मजदूरी, पेंशन, मेडिकल इंश्योरेंस, मैटरेनिटी बेनेफिट्स और प्रोडिवेंड फंड जैसी सुविधाएं शुरू की जा सकती हैं। अभी डोमेस्टिक वर्कर्स के सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं है। इनकी अनुमानित संख्या की जानकारी मिलने के बाद ही किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा योजना पर फैसला होने की उम्मीद है। सोशल सिक्योरिटी कोड 2020 में डोमेस्टिक स्टाफ को 'वेज वर्कर्स' की कैटेगरी में रखा गया है। इस कोड के लागू होने के बाद इन्हें वेज से संबंधित बेनेफिट्स देना जरूरी हो जाएगा।
बजट 2024 : 2019-20 में तैयार लेबर कोड का हिस्सा है सोशल सिक्योरिटी कोड
देश में डोमेस्टिक वर्कर्स की संख्या काफी ज्यादा है। लेकिन, इनका कोई ऑफिशियल रिकॉर्ड नहीं है। इसकी वजह यह है कि परिवार ग्रामीण इलाकों से रोजगार की तलाश में शहरों में आते हैं। रोजगार खत्म होने पर वे फिर गांव लौट जाते हैं। इस वजह से ऐसे लोगों की सही संख्या का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। सरकार ने 2019-20 में लेबर कोड तैयार किया था। कुल चार लेबर कोड हैं, जिसमें से सोशल सिक्योरिटी कोड एक है। अभी सभी राज्यों ने लेबर कोड्स को ध्यान में रख नियम नहीं बनाए हैं। केंद्र सरकार सभी राज्यों में लेबर कोड्स लागू करना चाहती है।
बजट 2024 : श्रम पोर्टल पर 29 लाख रजिस्टर्ड वर्कर्स
मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एंप्लॉयमेंट के तहत आने वाले लेबर ब्यूरो ने देशभर में डोमेस्टिक वर्कर्स पर व्यापक स्टडी की है। सरकार इस स्टडी पर विचार कर रही है। इसके बाद प्रस्तावित सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स की रूपरेखा तय होगी। सरकार ने श्रम पोर्टल बनाया है। यह असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के लिए एक व्यापक डेटाबेस है। इस पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 29 लाख से ज्यादा वर्कर्स रजिस्टर्ड हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश में डोमेस्टिक वर्कर्स की संख्या 42 लाख है। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि असल संख्या इससे ज्यााद हो सकती है।