Budget 2025: साल 2025 के बजट से सीनियर सिटीजन को बड़ी उम्मीदें हैं। कोविड-19 महामारी से पहले वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर 40 से 50 फीसदी तक की छूट मिलती थी, लेकिन महामारी के दौरान यह सुविधा बंद कर दी गई। अब कोविड का असर खत्म हो चुका है, फिर भी सरकार ने इस रियायत को फिर से शुरू नहीं किया है। वरिष्ठ नागरिकों ने मांग की है कि आगामी बजट में ट्रेन टिकट पर छूट को दोबारा बहाल किया जाए।
2019 के अंत तक भारतीय रेलवे (Indian Railway and IRCTC) वरिष्ठ नागरिकों को मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी, और दुरंतो जैसी स्पेशल ट्रेनों की टिकट पर छूट प्रदान करता था। 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों को टिकट पर 40% और 58 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को 50% की रियायत मिलती थी। उदाहरण के लिए अगर राजधानी एक्सप्रेस का फर्स्ट एसी का टिकट 4,000 रुपये का होता था, तो यह सीनियर सिटीजन के लिए 2,000 या 2,300 रुपये में उपलब्ध होता था।
कोविड के बाद ट्रेनों पर छूट मिलनी हो गई बंद
कोविड महामारी की शुरुआत में, 2020 में, सरकार ने रेलवे टिकट पर मिलने वाली यह छूट बंद कर दी। महामारी के बाद भी यह सुविधा फिर से शुरू नहीं की गई है। सीनियर सिटीजन का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद उनके पास आय के सीमित साधन होते हैं, और रेलवे छूट उनकी यात्रा को किफायती बनाती थी। ऐसे में वे चाहते हैं कि यह राहत दोबारा दी जाए।
1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्र सरकार का बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा, जिससे लोगों को विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को कई उम्मीदें हैं। वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि सरकार को इस छूट को फिर से शुरू करके उनके लिए यात्रा को सुलभ बनाना चाहिए। उनका मानना है कि बजट में इस मांग को जगह मिलने से लाखों सीनियर सिटीजन को फायदा होगा। अब देखना यह होगा कि क्या बजट 2025 में यह राहत वापस लाई जाएगी।