Union Budget 2023: CII ने सरकार को पर्सनल इनकम टैक्स घटाने की सलाह दी, कहा- जरूरी है इकोनॉमी में डिमांड बढ़ाना

Union Budget 2023: सीआईआई का यह भी मानना है कि सरकार को कुछ चीजों पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के 28 फीसदी टैक्स को घटाना चाहिए। उद्योग चैंबर ने सरकार को डिसइनवेस्टमेंट (Disinvestment) की रफ्तार तेज करने की भी सलाह दी है

अपडेटेड Dec 12, 2022 पर 9:56 AM
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CII ने कहा है कि इनकम टैक्स के रेट में कमी करने से लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे इकोनॉमी में डिमांड बढ़ेगी। फाइनेंस मिनिस्टर के पिछले बजट से सैलरीड क्लास को ज्यादा कुछ नहीं मिला था।

Union Budget 2023: प्रमुख उद्योग चैंबर CII ने फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को पर्सनल इनकम टैक्स (Personal Income Tax) की दरों में कमी करने की सलाह दी है। उसका मानना है कि इससे लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे इकोनॉमी में डिमांड बढ़ेगी। फाइनेंस मिनिस्टर के पिछले बजट से सैलरीड क्लास को ज्यादा कुछ नहीं मिला था। उन्होंने पर्सनल इनकम टैक्स के स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया था। टैक्स रेट्स को भी अपरिवर्तित रखा गया था। फाइनेंस मिनिस्टर 1 फरवरी, 2023 को बजट (Budget 2023) पेश करेंगी। यह बजट ऐसे वक्त आ रहा है, जब अमेरिका, इंग्लैंड, यूरोप की इकोनॉमी पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। इधर, इंडिया में इकोनॉमिक ग्रोथ अच्छी है। ऐसे में फाइनेंस मिनिस्टर के इनकम टैक्स की दरों में कमी करने से इकोनॉमी (Indian Economy) को बूस्ट मिलेगा।

कुछ चीजों को जीएसटी के 28 फीसदी रेट से राहत देने की जरूरत

सीआईआई का यह भी मानना है कि सरकार को कुछ चीजों पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के 28 फीसदी टैक्स को घटाना चाहिए। उद्योग चैंबर ने सरकार को डिसइनवेस्टमेंट (Disinvestment) की रफ्तार तेज करने की भी सलाह दी है। उसने कहा है कि सरकार को अगले वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों के निजीकरण पर फोकस करना चाहिए। सरकार विनिवेश का जो टारगेट तय करती है, उसे हासिल करने के गंभीर प्रयास होने चाहिए। अभी सरकार डिसइनवेस्टमेंट के टारगेट को पूरा करने से चूक जाती है।


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पूंजीगत खर्च बढाने से तेज होगी इकोनॉमिक ग्रोथ

उद्योग चैंबर का मानना है कि सरकार को पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) बढ़ाने के उपाय भी करने होंगे। फाइनेंस मिनिस्टर अगले फाइनेंशियल ईयर के बजट में पूंजीगत खर्च के लिए जीडीपी का 3.3-3.4 फीसदी का टारगेट तय कर सकती है। इस फाइनेंशियल ईयर में पूंजीगत खरक्च के लिए 2.9 फीसदी का टारगेट तय किया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में सरकार पूंजीगत खर्च के टारगेट को बढ़ाकर 3.8-3.9 फीसदी कर सकती है।

ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ाने से होगा फायदा

उद्योग चैंबर का कहना है कि सरकार को अगले बजट में ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने की जरूरत है। साथ ही ट्रेडिशनल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क, रेलवे और बंदरगाहों के लिए भी आवंटन बढ़ाना होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के लिए फंड जुटाने के मकसद से सरकार कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा सकती है। अर्बन म्यूनिसिपल बॉन्ड को भी बढ़ावा देने के कदम उठाए जा सकते हैं। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर इकोनॉमी ग्रोथ को तेज करने में बड़ी भूमिका निभाता है।

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