दुनिया की सबसे अधिक वैल्यूएशन वाली एडटेक स्टार्टअप बायजूस (Byju's) के CEO बायजू रवींद्रन का कहना है कि कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया है। इसके साथ ही उन्हें भरोसा है कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) अपनी जांच में कंपनी को "नियमों का पालन करने वाला" पाएगी। समचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक एक इंटरनल मेमो से यह जानकारी मिली है। बता दें कि कल यानी शनिवार को ED ने बायजू रवींद्रन और उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के तीन ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी ने यह सर्च ऑपरेशन फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के प्रावधानों के तहत चलाया है।
बायजू भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप्स में से एक है। इस कंपनी में जनरल अटलांटिक (General Atlantic), BlackRock और सिकोइया कैपिटल (Sequoia Capital) जैसे वैश्विक निवेशकों ने निवेश किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक CEO बायजू रवींद्रन ने कहा, "हमें 70 इंपैक्ट इन्वेस्टर्स ने फंड किया है। उन्होंने FEMA (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) सहित सभी वित्तीय रिकॉर्ड की जांच के बाद ही निवेश किया है। ऐसे में हमें भरोसा है कि अधिकारी भी उसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
फेमा की जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी को वर्ष 2011 से 2023 के बीच लगभग 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। इसके अलावा बायजू ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नाम पर इसी अवधि में 9,754 करोड़ रुपये दूसरे देशों में भेजे हैं। कंपनी ने विज्ञापनों और मार्केटिंग पर 944 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया है जिसमें विदेशों में भेजे गए पैसे भी शामिल हैं। हालांकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 से फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स नहीं तैयार किया है और ऑडिट भी नहीं कराया है, जो नियमों के मुताबिक जरूरी है। वित्त वर्ष 2021 का वित्तीय नतीजा भी सितंबर 2022 में कंपनी ने 18 महीने की देरी से फाइल किया था जिसमें इसने 4500 करोड़ रुपये से अधिक नुकसान दिखाया था।
ऐसे में ईडी का कहना है कि कंपनी ने जो आंकड़े दिखाए हैं, वह कितना सही है, उसकी बैंकों के आंकड़े से मिलान किया जा रहा है। ईडी के मुताबिक कुछ व्यक्तियों से मिली शिकायतों के आधार पर बायजूज के खिलाफ जांच शुरू की गई थी। इस जांच के दौरान इसके मालिक रवींद्रन को कई समन जारी किए गए लेकिन वह जांच के दौरान कभी पेश नहीं हुए। ईडी ने कहा कि जांच अभी भी चल रही है।