ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिनकस (Warburg Pincus) का जल्द ही श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस पर मालिकाना हक हो जाएगा। इसे भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की मंजूरी मिल चुकी है। वारबर्ग पिनकस यह खरीदारी अपनी कंपनी मैंगो क्रेस्ट इनवेस्टमेंट के जरिए कर रही है। यह सौदा करीब 4630 करोड़ रुपये का है। मंगलवार को जारी सीसीआई के बयान के मुताबिक मैंगो क्रेस्ट मॉरीशस की कंपनी है और यह इनवेस्टमेंट होल्डिंग एक्टिविटीज में शामिल है। अब चूंकि मालिकाना हक बदल रहा है तो एक सवाल ये भी उठता है कि कहीं पुराने एंप्लॉयीज की छुट्टी न हो जाए।
क्या होगा Shriram Housing Finance के एंप्लॉयीज का?
श्रीराम फाइनेंस ने 13 मई को बोर्ड की बैठक में वारबर्ग पिनकस को अपनी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस को बेचने के फैसले के बारे में बताया था। 14 मई को मनीकंट्रोल के साथ इंटरव्यू में श्रीराम फाइनेंस के एग्जेक्यूटिव वाइस चेयरमैन उमेश रेवंकर ने कहा था कि कंपनी पिछले चार साल से सालाना 56 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ रही है और जब ग्रोथ होती है तो साथ वाले लोग भी बने रहते हैं। उन्होंने कहा कंपनी को सौदे के बाद भी यह ग्रोथ बने रहने की उम्मीद है। ऐसे में उन्होंने आगे कहा कि एंप्लॉयीज की छंटनी का कोई सवाल ही नहीं उठता है और शेयरहोल्डर्स भी ग्रोथ ही चाहते हैं। कंपनी के लेटेस्ट इनवेस्टर प्रेजेंटेशन के मुताबिक इसमें 3232 एंप्लॉयीज हैं।
CCI ने और सौदों को भी दी मंजूरी
श्रीराम होम फाइनेंस की बिक्री को सीसीआई ने मंजूरी दी है, साथ ही दो और अहम सौदे को मंजूरी मिली है। सीसीआई ने इनवेस्को एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) और इनवेस्को ट्रस्टी में इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दी है। इसके अलावा अपोलो हॉस्पिटल्स और एडवेंट इंटरनेशनल के भी सौदे को मंजूरी मिली है। अपोलो हॉस्पिटल्स ने कुछ समय पहले एडवेंट इंटरनेशनल के जरिए 2,475 करोड़ रुपये जुटाने का योजना का ऐलान किया था। अपोलो हेल्थके इसके अपोलो 24/7 प्लेटफॉर्म पर नजर रखती है। इस सौदे के तहत दो से ढाई साल में अपोलो हेल्थको में फार्मा के थोक डिस्ट्रीब्यूशन कारोबार Keimed का विलय भी होना है।