Cement prices in India: इन्फ्रॉस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी आने से दूसरी छमाही में सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। एनालिस्ट्स के अनुसार वर्ष की दूसरी छमाही में सीमेंट के 50kg बैग की कीमतों में और वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि इन्फ्रॉस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को पेंडिंग बजट आवंटन मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक घटनाओं से कीमतों पर असर पड़ने की संभावना नहीं है। एनालिस्ट्स का यह भी मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव सीमेंट कंपनियों पर कीमतों में कमी करने का दबाव नहीं डालेंगे।
सीमेंट की कीमतों पर क्या है ब्रोकरेज की राय
कीमतों में गिरावट के करीब एक साल बाद अगस्त के तीसरे हफ्ते में सीमेंट कंपनियों ने 10 रुपये से लेकर 20 रुपये प्रति बैग तक की बढ़ोतरी की। ब्रोकरेज मोतीलाल ओसवाल की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार डीलरों ने सुझाव दिया था कि बढ़ोतरी का केवल एक पोर्शन ही बरकरार रह सकता है, क्योंकि रुक-रुक कर होने वाली बारिश, बढ़ती कंपटीशन, नॉन-ट्रेड सेगमेंट में कमजोर मांग और आगामी त्योहारी और शादी के सीजन से मांग बाधित होने की उम्मीद है।
आम चुनाव, गर्मियों में लू और उसके बाद मानसून में हुई भारी बारिश जैसे फैक्टर्स ने सीमेंट की मांग में वृद्धि को रोक दिया है। एलारा सिक्योरिटीज की 26 सितंबर की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई के अंत से अगस्त के पहले पखवाड़े के बीच पूरे भारत में सीमेंट की औसत कीमत 51 महीने के निचले स्तर पर आ गई। मांग के मामले में अगस्त की तुलना में सितंबर में मामूली सुधार हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार अभी तक पितृ पक्ष की शुरुआत जैसी वजहों ने लोगों को नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने से रोक दिया है। हिंदू कैलेंडर में 16 दिनों की अवधि को अशुभ माना जाता है। हालांकि, एनालिस्ट्स को उम्मीद है कि वर्ष की दूसरी छमाही में स्थिर सुधार होगा, जो इन्फ्रॉस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में उछाल से प्रेरित होगा, जिससे मांग में वृद्धि होने की संभावना है।
सीमेंट की मांग में सुधार की उम्मीद
एलारा के विश्लेषक रवि सोडा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "हमारा मानना है कि कमजोर मांग और सीमेंट की कीमतों के साथ-साथ नेगेटिव ऑपरेटिंग लीवरेज के कारण वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में इंडस्ट्री की प्रॉफिटेबिलिटी प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि, हमें आगामी तिमाहियों में सीमेंट की मांग में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है, जिससे इंडस्ट्री को कुछ मूल्य वृद्धि करने में मदद मिलेगी।"
प्रमुख इन्फ्रॉस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए मंजूरी पाने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है, जहां केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत 8 लाख से अधिक घरों के निर्माण को मंजूरी दी है। रिपोर्टों के अनुसार इसके बाद सीमेंट कंपनियों ने राज्य में कीमतों में लगभग 20 फीसदी की वृद्धि की। इस वृद्धि ने राज्य में राजनीतिक आक्रोश को जन्म दिया, जिसके कारण कंपनियों ने इसे वापस ले लिया।
क्या राजनीति से प्रभावित होंगी सीमेंट की कीमतें?
सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी पर संभावित राजनीतिक प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर एक्सिस रिसर्च के उत्तम श्रीमल ने बताया, "सीमेंट की कीमतें मांग और आपूर्ति की डायनामिक से प्रेरित होती हैं, इसलिए आगामी विधानसभा चुनावों का कोई खास असर पड़ने की संभावना नहीं है। तीसरी तिमाही से कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है, और साल की दूसरी छमाही सीमेंट कंपनियों के लिए पहली छमाही की तुलना में मजबूत रहने की संभावना है।" एलारा के अनुसार अक्टूबर में कई बाजारों में सीमेंट फर्मों द्वारा 5-15 रुपये प्रति बैग की सीमा में कीमतों में वृद्धि की उम्मीद है। एनालिस्ट को उम्मीद है कि सरकार द्वारा अगले पांच वर्षों में PMAY (ग्रामीण) के तहत अतिरिक्त 2 करोड़ घरों की घोषणा से सीमेंट क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
एक्सिस सिक्योरिटीज के एक नोट के अनुसार वित्त वर्ष 24 के दौरान- सीमेंट की मांग में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, FY25 में पिछले तीन वित्त वर्षों के हाई बेस के कारण मांग में वृद्धि लगभग 6-7 फीसदी रहने की उम्मीद है। इस नरमी के बावजूद अगले कुछ वर्षों में मांग में लगभग 8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है, जो इन्फ्रॉस्ट्रक्चर और हाउसिंग सेक्टर से मजबूत मांग की संभावनाओं के साथ-साथ इंडस्ट्री के भीतर बढ़ते कंसोलिडेशन से प्रेरित है। भारत के सीमेंट इंडस्ट्री में कंसोलिडेशन की प्रक्रिया में तेज़ी देखी जा रही है, जिसमें अल्ट्राटेक सीमेंट, अदाणी सीमेंट और डालमिया भारत जैसी प्रमुख कंपनियां अपनी बाज़ार स्थिति को मज़बूत करने के लिए छोटी कंपनियों का अधिग्रहण कर रही हैं।