इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (Indraprastha Gas) और अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (Adani Total Gas) जैसी सिटी गैस कंपनियां सस्ती गैस की सप्लाई में एक महीने में दूसरी बार कटौती के बाद सीएनजी की कीमतों में वृद्धि पर विचार कर रही हैं। हालांकि, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि खुदरा विक्रेताओं को वृद्धि को उचित ठहराने के लिए लागत का ब्योरा देना होगा। सरकार ने 16 नवंबर से पुराने फील्ड से सिटी गैस रिटेलर्स को मिलने वाली सस्ती नेचुरल गैस की सप्लाई में 20 फीसदी तक की कटौती कर दी है। इससे पहले 16 अक्टूबर को 21 फीसदी की कटौती की गई थी।
सिटी गैस कंपनियों को मुनाफा कम होने की चिंता
सिटी गैस रिटेलर्स IGL (राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में सीएनजी की खुदरा बिक्री करने वाली), महानगर गैस लिमिटेड (मुंबई में बिक्री करने वाली) और अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (गुजरात और अन्य स्थानों पर कारोबार) ने शेयर बाजार को दी सूचना में सप्लाई में कटौती के कारण मुनाफे संबंधी चिंताएं जताई हैं और कीमतों में वृद्धि का संकेत दिया है।
रिटेलर्स के पास ‘भारी’ मार्जिन: अधिकारी
हालांकि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारी इससे प्रभावित नहीं हैं। उनका मानना है कि रिटेलर्स ‘भारी’ मार्जिन पर काम करते हैं और वे अतिरिक्त लागत को आसानी से वहन कर सकते हैं, जो उन्हें नए कुओं से प्राप्त थोड़ी अधिक कीमत वाली गैस या आयातित एलएनजी से खोई हुई मात्रा की पूर्ति करने पर वहन करनी पड़ सकती है।
एक सीनियर अधिकारी ने पूंछा, “उदाहरण के लिए IGL को ही लें। इसने पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में करीब 16000 करोड़ रुपये की आमदनी पर 1748 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। यह 11 फीसदी का मार्जिन है। MGL को 7000 करोड़ रुपये की आय पर करीब 1300 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। कौन सी खुदरा कंपनी इतना मार्जिन कमाती है?”
अधिकारियों ने कहा कि सरकार कंपनियों के मुनाफा कमाने के खिलाफ नहीं है, लेकिन अगर वे कम कीमत वाली इनपुट (पुराने क्षेत्रों से गैस) चाहते हैं तो उन्हें अंतिम प्रोडक्ट (सीएनजी) की लागत का ब्योरा भी घोषित करना चाहिए।