Coal imports: देश का कोयला आयात मौजूदा वित्त वर्ष के पहले सात महीने (अप्रैल-अक्टूबर) के दौरान 4.2 फीसदी बढ़कर 16.24 करोड़ टन पर पहुंच गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कोयला आयात 15.58 करोड़ टन रहा था। बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एमजंक्शन सर्विसेज के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में कोयला आयात 14.4 फीसदी घटकर 2.18 करोड़ टन रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में 2.55 करोड़ टन रहा था।
नॉन-कोकिंग कोल का आयात 1.34 करोड़ टन
अक्टूबर में कुल आयात में से नॉन-कोकिंग कोल का आयात 1.34 करोड़ टन रहा। पिछले साल में अक्टूबर में नॉन-कोकिंग कोल का आयात 1.88 करोड़ टन रहा था। माह के दौरान कोकिंग कोल का आयात 44.5 लाख टन रहा, जबकि पिछले साल अक्टूबर में यह 43.1 लाख टन रहा था। सितंबर में नॉन-कोकिंग कोयले का आयात 1.32 करोड़ टन और कोकिंग कोयले का आयात 33.9 लाख टन रहा था।
एमजंक्शन के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) विनय वर्मा ने कहा, "अक्टूबर में नॉन-कोकिंग कोयले की मात्रा में मासिक आधार पर मामूली वृद्धि हुई, क्योंकि त्योहारी महीने के दौरान और सर्दियों के मौसम से पहले खरीदारों ने नए सौदे किए थे। आगे चलकर मांग में कमी आने के आसार हैं, क्योंकि चौथी तिमाही में घरेलू आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है।
कोयला मंत्री ने आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने पर दिया जोर
कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने हाल ही में इस्पात क्षेत्र से आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने और टेक्नोलॉजी में जरूरी बदलाव करने का आग्रह किया था। मंत्री ने कहा था कि कोयले का आयात चरणबद्ध तरीके से कम किया जाना चाहिए। इस्पात उद्योग कोकिंग कोयले का इस्तेमाल करता है। मंत्री ने यह भी उम्मीद जताई थी कि चालू वित्त वर्ष में 108 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो जाएगा।