वेदांता ने बताया दिवालिया जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने का पूरा प्लान, ऐसे होगा ₹12505 करोड़ का भुगतान

Jaiprakash Associates bid: वेदांता ने दिवालिया जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने के लिए ₹12,505 करोड़ की बोली लगाई है। इस डील से वेदांता के पावर और खनन कारोबार को मजबूती मिलेगी। जानिए जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने के लिए वेदांता कैसे भुगतान करेगी।

अपडेटेड Sep 07, 2025 पर 8:29 PM
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वेदांता ने अदाणी ग्रुप को पछाड़ते हुए ₹12,505 करोड़ की नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) वाली बोली पेश की।

Jaiprakash Associates bid: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता लिमिटेड ने कर्ज से दबे जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) की सफल बोली लगाई है। कंपनी ने लगभग ₹4,000 करोड़ का शुरुआती भुगतान NCLT की मंजूरी के बाद करने और शेष रकम अगले 5-6 साल में चुकाने का प्रस्ताव रखा है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इस प्रक्रिया में करीब एक साल लग सकते हैं और बाकी भुगतान किस्तों में पूरा होगा।

वेदांता ने अदाणी ग्रुप को पीछे छोड़ा

वेदांता ने अदाणी ग्रुप को पछाड़ते हुए ₹12,505 करोड़ की नेट प्रेजेंट वैल्यू (NPV) वाली बोली पेश की। JAL के लेनदार बैंकों ने यह नीलामी खरीदार खोजने के लिए कराई थी। JAL के कारोबार में रियल एस्टेट, सीमेंट, पावर, होटल और सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।


वेदांता कैसे बनी सफल बोलीदाता

JAL इस समय इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रेजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) से गुजर रहा है। रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने 24 जून को प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। इसके बाद पांच बोलीदाताओं- वेदांता, अदाणी, डालमिया, जिंदल पावर और पीएनसी इंफ्राटेक के बीच चैलेंज प्रोसेस हुआ। इसमें वेदांता ₹12,505 करोड़ की NPV बोली के साथ H1 बोलीदाता बना।

पेमेंट स्ट्रक्चर और फंडिंग की डिटेल

सूत्रों ने बताया कि पूरा भुगतान 5-6 साल में किस्तों में किया जाएगा। शुरुआती ₹4,000 करोड़ का भुगतान NCLT की मंजूरी के बाद होगा। बाकी रकम JAL की आंतरिक आमदनी और वेदांता की बैलेंस शीट से मिलेगी। इस तरह कंपनी पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव नहीं आएगा, क्योंकि वेदांता के पास पर्याप्त फ्री कैश फ्लो है।

CoC की मंजूरी का भी इंतजार

हालांकि वेदांता को H1 बोलीदाता घोषित किया गया है, लेकिन क्रेडिटर्स कमेटी (CoC) को अभी प्रक्रिया पूरी करनी है और सफल रेजॉल्यूशन प्लान पर वोट करना है। इसमें 4-8 हफ्ते का समय लग सकता है। इसके बाद प्लान के लागू होने में और 3-4 महीने लगेंगे।

JAL पर ₹55,371.21 करोड़ का बकाया

स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, 15 अगस्त तक JAL पर ₹55,371.21 करोड़ का बकाया था। इस बोली के तहत वेदांता ₹12,505 करोड़ की पेशकश NPV आधार पर कर रहा है। चूंकि भुगतान कई वर्षों में होगा, इसलिए बोली का मूल्यांकन NPV मेथड से किया गया है। यह कैपिटल बजटिंग तकनीक है। इसमें भविष्य की कैश इनफ्लो की प्रेजेंट वैल्यू को निवेश की मौजूदा लागत से तुलना कर मुनाफे का आकलन किया जाता है।

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वेदांता को इस सौदे से कैसे होगा फायदा

JAL के पांच प्रमुख वर्टिकल्स- पावर, रियल एस्टेट, सीमेंट, होटल और EPC का वेदांता के मौजूदा कारोबार के साथ अच्छा तालमेल में है। कंपनी का पावर पोर्टफोलियो पहले से ही मजबूत है, जिसमें तलवंडी साबो और मीनाक्षी एनर्जी जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि JAL की चूना पत्थर और कोयला खानों का उपयोग कर वेदांता अपने खनन और पावर कारोबार को मजबूत करेगा। इसके अलावा, जब वेदांता का पावर बिजनेस अलग होगा, तो JAL का पावर बिजनेस उसे और मजबूत बनाएगा। रियल एस्टेट एसेट्स भी पार्टनरशिप के जरिए बड़े विकास की संभावना रखते हैं।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Sep 07, 2025 8:29 PM

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