Coal India ने ग्रेफाइट माइनिंग में रखा कदम, सरकार ने जारी किया लाइसेंस

सरकार के आत्मनिर्भरता विजन के अनुसार Coal India ने ग्लोबल और भारत के भीतर अन्य अहम खनिजों पर फोकस करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है। ग्रेफाइट का इस्तेमाल बैटरी सहित कई एप्लिकेशन में होता है। भारत में EV को बढ़ावा दिए जाने के बीच यह फोकस में है

अपडेटेड Jul 21, 2024 पर 10:58 PM
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कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने अपने कारोबार में डायवर्सिफिकेशन लाने के लिए अब ग्रेफाइट माइनिंग में कदम रखा है।

कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने अपने कारोबार में डायवर्सिफिकेशन लाने के लिए अब ग्रेफाइट माइनिंग में कदम रखा है। खान मंत्रालय के एक आदेश के बाद कंपनी को अब ग्रेफाइट के प्रोस्पेक्टिंग और माइनिंग के लिए कंपोजिट लाइसेंस मिल गया है। यह लाइसेंस मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में खट्टाली छोटी ग्रेफाइट ब्लॉक से संबंधित है। इसका मतलब है कि अब कंपनी कोयले के अलावा ग्रेफाइट माइनिंग बिजनेस में भी काम करेगी।

Coal India का बयान

कोल इंडिया में बिजनेस डेवलपमेंट के डायरेक्टर देवाशीष नंदा ने बताया, "कोयले के अलावा यह हमारे लिए पहला मिनरल है।" CIL को राज्य सरकार को भेजे जाने वाले मिनरल के वैल्यू का 150.05 फीसदी माइनिंग प्रीमियम देना होता है। कोल इंडिया ने शेयर बाजारों के बताया कि कंपोजिट लाइसेंस की समय सीमा एक वर्ष और माइनिंग लीज तीन साल के लिए है।


सरकार के आत्मनिर्भरता विजन के अनुसार कोल इंडिया ने ग्लोबल और भारत के भीतर अन्य अहम खनिजों पर फोकस करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है। ग्रेफाइट का इस्तेमाल बैटरी सहित कई एप्लिकेशन में होता है। भारत में EV को बढ़ावा दिए जाने के बीच यह फोकस में है।

नंदा ने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए पूंजीगत व्यय का अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी। हालांकि, कोल इंडिया शुरुआती चरण में अपनी सहायक कंपनी सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (CMPDI) से कोल माइनिंग एक्सपर्टाइज का लाभ उठाएगी।

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First Published: Jul 21, 2024 10:58 PM

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