Coal India बंद करेगी माइनिंग इक्विपमेंट्स का आयात, 6 सालों में प्लान को दिया जाएगा अंजाम

देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया (Coal India) ने बीते पांच सालों में 3,500 करोड़ रुपये मूल्य के माइनिंग इक्विपमेंट्स का आयात किया है। इसके अलावा इनके आयात पर 1,000 करोड़ रुपये का शुल्क भी देना पड़ा है। घरेलू मैन्युफैक्चरर्स से मशीनों की खरीद शुरू कर दी गई है

अपडेटेड Nov 23, 2023 पर 6:49 PM
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कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने माइनिंग में इस्तेमाल होने वाले इक्विपमेंट्स का आयात अगले 6 सालों में बंद करने की योजना बनाई है।

सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने माइनिंग में इस्तेमाल होने वाले इक्विपमेंट्स का आयात अगले 6 सालों में बंद करने की योजना बनाई है। कोयला मंत्रालय ने आज गुरुवार को एक बयान में कहा कि CIL ने हैवी अर्थ-मूविंग मशीनरी (HEMM) और अंडरग्राउंड माइनिंग इक्विपमेंट्स का आयात चरणबद्ध ढंग से बंद करने का फैसला किया है। इस योजना को अगले छह सालों में अंजाम दिया जाएगा।

3,500 करोड़ के माइनिंग इक्विपमेंट्स का किया गया आयात

देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया ने बीते पांच सालों में 3,500 करोड़ रुपये मूल्य के माइनिंग इक्विपमेंट्स का आयात किया है। इसके अलावा इनके आयात पर 1,000 करोड़ रुपये का शुल्क भी देना पड़ा है।


लेकिन अब कोल इंडिया इन उपकरणों के आयात पर आने वाली लागत को कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षों में इनका आयात क्रमिक रूप से कम करने की रणनीति बनाई है। घरेलू मैन्युफैक्चरर्स से इन मशीनों की खरीद शुरू भी कर दी गई है।

बयान के मुताबिक, कोल इंडिया के डायरेक्टर (तकनीकी) की अध्यक्षता में बनाई गई एक उच्चस्तरीय समिति ने इस रणनीति की अनुशंसा की थी। समिति ने कहा था कि वर्ष 2030 के बाद भी कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बना रहेगा। लिहाजा इसके खनन से संबंधित उपकरणों की जरूरत को पूरा करने पर ध्यान देना होगा।

Shubham Singh Thakur

Shubham Singh Thakur

First Published: Nov 23, 2023 6:49 PM

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