कविन भारती मित्तल हाइक बैनर के तहत चलने वाले अपने रश प्लेटफॉर्म को बंद कर रहे हैं। सरकार के रियल टाइम गेमिंग (आरएमजी) पर रोक लगा देने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। कविन देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपन भारती एयरटेल के फाउंडर सुनील मित्तल के बेटे हैं। इससे पहले कविन ने अमेरिका, यूके और आस्ट्रेलिया जैसे इंटरनेशनल मार्केट्स पर फोकस करने के लिए इंडिया छोड़ने के प्लान के बारे में बताया था। हाइक बंद करने के बारे में कविन ने न्यूजलेटर प्लेटफॉर्म सबस्टैक पर एक पोस्ट किया है।
रश में करीब 100 एंप्लॉयीज थे
Kavin Bharti Mittal ने पोस्ट में कहा है, "इनवेस्टर्स और टीम से बातचीत करने के बाद मैंने हाइक को पूरी तरह से बंद करने का मुश्किल फैसला किया है।" उन्होंने पोस्ट में यह भी कहा है कि सिर्फ 9 महीने पहले लॉन्च हमारे अमेरिकी बिजनेस की शुरुआत दमदार रही है। लेकिन, इंडिया में रियल मनी गेमिंग पर रोक लग जाने के बाद इंटरनेशनल बिजनेस के विस्तार पर फोकस बढ़ाना होगा। रश में करीब 100 एंप्लॉयीज थे। कविन मित्तल ने पिछले महीने मनीकंट्रोल को बताया था कि रश के एंप्लॉयीज 'SWAT' टीम्स के हिस्से के रूप में इंटरनेशनल ऑपरेशंस को देखते थे।
हाइक की शुरुआत 2016 में हुई थी
SWAT का मतलब बिजनेस की दुनिया में ऐसी टीम से है, जो छोटी, काफी स्किल्ड और फुर्तीली होती है। यह मुश्किल समस्याओं का जल्द हल निकाल लेती है। हाइक की शुरुआत 2016 में एक मैसेजिंग ऐप के रूप में हुई थी। तब इसका मुकाबला व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप से था। जनवरी 2021 में बंद हने से पहले पहले इसके मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 4 करोड़ पहुंच गई थी। उसके बाद कंपनी ने Rush नाम से आरएमजी प्लेटफॉर्म शुरू किया था। इस पर मनी-बेस्ड 14 मोबाइल गेम्स थे। प्लेटफॉर्म वेब3 टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल करता था जिसके तहत यूजर्स को प्ले-टू-अर्न मैकेनिक्स के तहत ओनरशिप मिलती थी।
सरकार ने आरएमजी पर रोक के लिए कानून बनाया
सरकार ने संसद के मानसून सत्र में रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लगाने का बिल पारित कराया। इसके बाद हर तरह के रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर रोक लग गई है। सरकार का मानना है कि आरएमजी से नुकसान हो रहा था। खासकर युवाओं में इसकी लत बढ़ रही थी। हालांकि, रियल मनी गेमिंग कंपनियों को सरकार के इस फैसले से काफी नुकसान हुआ है।
हाइक में कई बड़े इनवेस्टर्स का निवेश
हाइक में सॉफ्ट बैंक, टेनशेंट, टाइगर ग्लोबल, भारती, फॉक्सकॉन, जंप क्रिप्टो जैसी कंपनियों ने निवेश किया है। पिछले महीने मित्तल ने कहा था कि रश के यूजर्स की संख्या बढ़कर 1 करोड़ पहुंच गई थी। इंडिया में चार सालों में इसका रेवेन्यू 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा रहा है।