Free Trade Agreement: भारत और इजरायल दो चरणों में लागू कर सकते हैं प्रस्तावित FTA- पीयूष गोयल

भारत एशिया में इजरायल का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का इजरायल को एक्सपोर्ट 52 प्रतिशत घट गया। इंपोर्ट भी 26.2 प्रतिशत घट गया। गोयल द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए इजरायल गए हुए हैं

अपडेटेड Nov 23, 2025 पर 1:09 PM
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दोनों देशों ने संवेदनशील मुद्दों को अभी छूने से बचने का फैसला किया है।

भारत और इजरायल अपने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को दो चरणों में लागू करने पर विचार कर रहे हैं, ताकि दोनों देशों के व्यापारिक समुदाय को जल्द फायदा मिल सके। यह बात वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कही। भारत और इजरायल ने इस समझौते के लिए औपचारिक रूप से बातचीत शुरू करने के लिए गुरुवार को टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) साइन किया।

गोयल द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए इजरायल गए हुए हैं। वह 60 सदस्यीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। गोयल ने कहा कि वह और इजरायल के इकोनॉमी और इंडस्ट्री मंत्री नीर बरकत इस बात पर सहमत हुए हैं कि वे पहले FTA में आसान कामों पर फोकस करेंगे। दोनों देशों ने संवेदनशील मुद्दों को अभी छूने से बचने का फैसला किया है।

ToR में क्या शामिल


ToR में टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं को दूर कर माल के लिए मार्केट एक्सेस उपलब्ध कराना, निवेश को सुगम बनाना, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सरल बनाना, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में सहयोग बढ़ाना और सेवा व्यापार को बढ़ावा देने के नियमों में ढील देना शामिल है। गोयल का कहना है, ''हम फ्री ट्रेड एग्रीमेट को दो चरणों में करने पर विचार कर रहे हैं। बातचीत शुरू होने पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा। दोनों मंत्री चाहते हैं कि पहला चरण जल्द पूरा हो जाए ताकि व्यापारिक समुदाय को जल्द फायदा मिलना शुरू हो जाए।''

दोनों देश देखेंगे कि इनोवेशन और R&D किस तरह एक-दूसरे के देशों में ज्यादा निवेश ला सकते हैं। दोनों देश जॉइंट प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे, जहां भारत को इजरायल की विशेषज्ञता का फायदा मिले और इजरायल, भारत जैसे बड़े बाजार का फायदा उठा सके।

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भारत और इजरायल के बीच किन चीजों का ट्रेड

भारत एशिया में इजरायल का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। दोनों देशों के बीच मर्चेंडाइज ट्रेड में मुख्य रूप से हीरे, पेट्रोलियम प्रोडक्ट और केमिकल शामिल हैं, लेकिन हाल के सालों में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और हाई-टेक प्रोडक्ट, कम्युनिकेशन सिस्टम और मेडिकल इक्विपमेंट जैसे एरिया में ट्रेड बढ़ा है। भारत से इजराइल को होने वाले एक्सपोर्ट में मुख्य रूप से मोती और कीमती पत्थर, ऑटोमोटिव डीजल, केमिकल और मिनरल प्रोडक्ट, मशीनरी और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, प्लास्टिक, टेक्सटाइल, कपड़े, बेस मेटल, ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट और खेती के प्रोडक्ट शामिल हैं। इजरायल से इंपोर्ट में मोती और कीमती पत्थर, केमिकल और मिनरल/फर्टिलाइजर प्रोडक्ट, मशीनरी और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, पेट्रोलियम ऑयल और डिफेंस, मशीनरी और ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का इजरायल को एक्सपोर्ट 52 प्रतिशत घटकर 2.14 अरब डॉलर रह गया। एक साल पहले एक्सपोर्ट 4.52 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2025 में इजरायल से इंपोर्ट भी 26.2 प्रतिशत घटकर 1.48 अरब डॉलर पर आ गया। दोनों देशों के बीच ट्रेड 3.62 अरब डॉलर का रहा।

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