Bitcoin crash reason: ऑलटाइम हाई से 36% तक क्रैश हुआ बिटकॉइन, ये 5 बड़े कारण हैं जिम्मेदार; अब क्या करें निवेशक?

Bitcoin crash reason: अक्टूबर में ऑल-टाइम हाई छूने के बाद बिटकॉइन 36% तक गिर गया है। 5 बड़े फैक्टर ने क्रिप्टो मार्केट की दिशा बदल दी है। अब सवाल यह है कि क्या ये गिरावट नए क्रिप्टो संकट की शुरुआत है? जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Nov 23, 2025 पर 6:56 PM
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बिटकॉइन के हाई लेवल से करीब 36% क्रैश के पीछे 5 अहम कारण हैं।

Bitcoin crash reason: बिटकॉइन की तेज गिरावट ने पूरे क्रिप्टो मार्केट को हिला दिया है। अक्टूबर में जब बिटकॉइन ने 1,26,000 डॉलर का नया ऑल-टाइम हाई बनाया था, तब बाजार बेहद बुलिश था। लेकिन, यह शुक्रवार को गिरकर 80,000 डॉलर के लेवल तक आ गया था। यह ऑल टाइम हाई लेवल से तकरीबन 36% की गिरावट है। हालांकि, उसके बाद से कीमतों कुछ रिकवरी हुई है। रविवार को यह शाम 6.15 तक 2.25% की बढ़त के साथ 86,583.24 डॉलर पर है।

हालांकि, बिटकॉइन में हालिया क्रैश ने साल 2025 की सारी बढ़त को खत्म कर दिया है। इसने 2025 में 7.36% का नेगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं, 1 महीने में यह 20.14% टूट चुका है। अभी भी टेक्निकल इंडिकेटर कमजोर बने हुए हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, बाजार की मनोवैज्ञानिक स्थिति लालच से डर में बदल चुकी है और बिटकॉइन में लिक्विडिटी तेजी से निकल रही है। अक्टूबर के हाई लेवल से भारी क्रैश का यही मतलब है कि बाजार की दिशा पलट चुकी है।

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बिटकॉइन के क्रैश होने के 5 बड़े कारण

बिटकॉइन के हाई लेवल से करीब 36% क्रैश के पीछे 5 अहम कारण हैं। आइए पहले इन्हें समझ लेते हैं।

  1. रेट कट की उम्मीद कमजोर: अमेरिका में जल्दी रेट-कट की उम्मीद कमजोर पड़ गई है। इसकी वजह से मार्केट में लिक्विडिटी कम होने का डर बढ़ा है। टैरिफ बढ़ने और महंगाई के जोखिम ने निवेशकों को जोखिम वाले एसेट्स से दूर कर दिया है। इसका सीधा प्रभाव क्रिप्टो पर पड़ा है, जो सबसे संवेदनशील एसेट क्लास में आता है।

2. ETF से भारी आउटफ्लो: नवंबर में स्पॉट बिटकॉइन ETFs से लगभग 3 अरब डॉलर निकल चुका है, जिससे सीधा स्पॉट मार्केट में बड़ी मात्रा में BTC की बिक्री हुई है। ब्लैकरॉक के IBIT ETF में एक दिन में रिकॉर्ड आउटफ्लो ने दबाव और तेज कर दिया। जब संस्थागत निवेशक पैसा निकालते हैं, तो मार्केट में डर और तीव्र हो जाता है।

3. बड़ी प्रॉफिट बुकिंग: ऑन-चेन डेटा दिखाता है कि बड़े निवेशक अपने वॉलेट से BTC निकालकर एक्सचेंजों पर भेज रहे हैं। यह आमतौर पर 'बेचने की तैयारी' का संकेत होता है, खासकर तब जब वे कई महीनों या सालों की कमाई लॉक करना चाहते हैं। इस तरह की बुकिंग बाजार में तेजी से दबाव बना देती है।

4. एक्सचेंज रिजर्व बढ़ना: बायनेंस जैसे बड़े एक्सचेंजों पर BTC बैलेंस तेजी से बढ़ा है, जो दिखाता है कि लोग बेचने के लिए कॉइंस जमा कर रहे हैं। जैसे ही 95,000 और 90,000 डॉलर जैसी सपोर्ट लाइन टूटीं, फ्यूचर्स मार्केट में बड़े पैमाने पर लिक्विडेशन हुए। इसने गिरावट को और तेज बना दिया।

5. टेक्निकल ब्रेकडाउन: बिटकॉइन 1,00,000 और 90,000 डॉलर जैसे महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तरों के नीचे फिसल गया, जिससे बाजार की धारणा टूट गई। मूविंग एवरेज और अन्य संकेतक लगातार 'Strong Sell' दिखा रहे हैं, जो बताता है कि डाउनट्रेंड अभी भी मजबूत है। तकनीकी कमजोरी ने रिटेल और प्रो ट्रेडर्स दोनों को बेचने के लिए मजबूर किया है।

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पिछले 1 हफ्ते, 1 महीने और 6 महीने का ट्रेंड

अगर छोटे समय के फ्रेम में देखें तो पिछले सात दिनों में बिटकॉइन लगभग 99,700 डॉलर से गिरकर 82,000 डॉलर के पास आ गया था, यानी करीब 18 प्रतिशत की गिरावट। हर उछाल पिछले उछाल से कमजोर था और हर सपोर्ट स्तर तेजी से टूटा। एक महीने का परफॉर्मेंस देखें तो अक्टूबर की शुरुआत में बिटकॉइन अपने 1,25,000 डॉलर वाले पीक पर था, जहां से यह अब तक करीब 35 प्रतिशत टूटा है।

यह क्लासिक डिस्ट्रिब्यूशन और फिर ब्रेकडाउन वाला पैटर्न दिखाता है, जहां बड़े खिलाड़ी धीरे-धीरे बेचते हैं और फिर सपोर्ट टूटने पर गिरावट तेज होती है। छह महीने के सेनेरियो में देखा जाए तो बिटकॉइन अभी भी अप्रैल के 74,400 डॉलर वाले लो से ऊपर है, जिसका मतलब है कि लंबी अवधि का बुल साइकिल अभी टूटा नहीं है। लेकिन, मौजूदा गिरावट उस बड़े ट्रेंड के भीतर एक गहरा करेक्शन है।

अब बिटकॉइन के लिए अहम लेवल क्या हैं

बिटकॉइन मार्केट अभी शॉर्ट-टर्म डाउनट्रेंड में है। 85,000 डॉलर का स्तर अगला अहम सपोर्ट माना जा रहा है। अगर बिटकॉइन इसके नीचे ठहर गया, तो 75,000-76,000 डॉलर तक गिरावट की आशंका बढ़ जाएगी, जो अप्रैल का निचला स्तर है। ऊपर की ओर 90,000-94,000 डॉलर का क्षेत्र पहला रेजिस्टेंस बन गया है।

अगर बिटकॉइन इस दायरे के ऊपर बंद होता है और डेली RSI 30 के ऊपर निकलता है, तो इसे रिकवरी का शुरुआती संकेत माना जाएगा। इसके बाद 94,000-97,000 डॉलर वाला जोन तय करेगा कि बाजार वापस मजबूत पकड़ बना पाएगा या नहीं। रिकवरी के लिए ETF आउटफ्लो का रुकना भी उतना ही जरूरी है।

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बिटकॉइन पर एक्सपर्ट की राय

एक्सपर्ट का कहना है कि बुलिश ट्रेडर्स के लिए संकेत स्पष्ट हैं। उन्हें कीमत 85,000 डॉलर से ऊपर टिकती दिखनी चाहिए, RSI में सुधार आना चाहिए और 90,000-94,000 डॉलर का रेजिस्टेंस टूटना चाहिए। बियरिश ट्रेडर्स के लिए 85,000 डॉलर के नीचे क्लोज मिलना बड़ा संकेत होगा, जिससे बाजार 75,000 डॉलर की तरफ जा सकता है। टिकाऊ रिकवरी तभी मुमकिन है, जब ETF से पैसा वापस आना शुरू हो और मैक्रो माहौल शांत हो।

Citrini Research, Kiln और ShapeShift जैसे एनालिस्टों ने चेतावनी दी है कि क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव अभी काफी समय तक बना रहेगा। यहां तक कि BitMEX के को-फाउंडर आर्थर हेज भी बियरिश नजर आ रहे हैं, जो आमतौर पर बिटकॉइन के समर्थक माने जाते हैं। उनका अनुमान है कि बिटकॉइन कमजोर दौर में 80,000 डॉलर तक गिर सकता है।

बिटकॉइन के लिए उम्मीद की किरण भी

हालांकि, बिटकॉइन के लिए कुछ पॉजिटिव संकेत भी मौजूद हैं। आर्थर हेज ने कहा कि अगर सरकारें बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाती हैं, तो क्रिप्टो में तेज रिबाउंड आ सकता है। वेंचर कैपिटल फंड अभी भी क्रिप्टो सेक्टर में निवेश कर रहे हैं। DefiLlama के आंकड़ों के मुताबिक, इस हफ्ते 253 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ। इससे 2025 में क्रिप्टो सेक्टर में कुल निवेश 23 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। लेकिन फिर भी, मौजूदा उथल-पुथल ने हर तरह के मार्केट वॉचर्स को बेचैन कर दिया है।

क्रिप्टो एनालिस्ट मॉली व्हाइट के मुताबिक, 2021-22 की तरह इस बार भी बड़ी और तेज गिरावट की आशंका बढ़ गई है। उनका कहना है कि ट्रेडर्स को डर है कि हम फिर उसी तरह के दौर में प्रवेश कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी इस नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगा कि यह गिरावट एक और बड़े क्रिप्टो संकट की शुरुआत है या सिर्फ क्रिप्टो मार्केट की सामान्य वोलैटिलिटी।

FAQ

1. बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट की वजह क्या है?

मैक्रो डर, ETF आउटफ्लो और 100k व 90k जैसे सपोर्ट टूटने से BTC 7 महीने के लो तक गिरा है।

2. क्या ETF आउटफ्लो से यह गिरावट आई?

पूरी तरह नहीं, लेकिन बड़ी वजह यही है। नवंबर में लगभग 3 अरब डॉलर के आउटफ्लो हुए हैं।

3. क्या बिटकॉइन इस गिरावट से उबर जाएगा?

गारंटी नहीं, लेकिन इतिहास बताता है कि ओवरसोल्ड स्थितियों के बाद BTC में तेज उछाल आते हैं। अगर मैक्रो माहौल स्थिर हो जाए और ETF इनफ्लो वापस आएं।

4. क्या अभी बिटकॉइन ट्रेड करना जोखिम भरा है?

हां, यह हाई-रिस्क फेज है। बड़े इंट्राडे स्विंग, हाई लिवरेज और मैक्रो अनिश्चितता के कारण रिस्क मैनेजमेंट बहुत जरूरी है।

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