Davos 2025: बजाज आलियांज (Bajaj Allianz) से आलियांज की अलग होने की योजना पर चिंता की कोई बात नहीं है, यह मानना है कि कंपनी के सीईओ तपन सिंघल की। तपन का कहना है कि अपनी साइज और पहुंच के चलते कंपनी किसी भी झटके को झेल सकती है। तपन ने ये बातें दावोस वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में मनीकंट्रोल से बातचीत में कही। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल आलियांज के अलग होने से जुड़ा कोई प्रस्ताव बोर्ड के सामने नहीं आया है। तपन सिंघन बजाज एलियांद से करीब 23 साल से जुड़े हुए हैं जिसमें से 13 साल से वह सीईओ ही हैं।
आलियांज के अलग होने से Bajaj Allianz को क्यों नहीं लगेगा झटका?
तपन सिंघल का कहना है कि जब कोई कंपनी साइज, बैलेंस शीट, सॉल्वेंसी, ग्राहकों की संख्या और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के मामले में बड़े लेवल पर पहुंच जाती है तो वह कंपनी किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव को सहन कर सकती है। ऐसे में तपन सिंघल को लगता है कि आलियांज का जाना चिंता की कोई बात नहीं है। कंपनी के मुताबिक इसने 3.16 करोड़ पॉलिसी जारी की हैं जो देश में सबसे अधिक है। 240 से अधिक बैंकों के साथ साझेदारी के जरिए इसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क काफी मजबूत है। लगभग हर ओईएम (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग) और हर मोटर डीलर के साथ इसकी साझेदारी है।
तपन सिंघल का कहना है कि बजाज आलियांज जल्द से जल्द घरेलू स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो सकती है क्योंकि नियामक बड़ी कंपनियों को लिस्ट होने के लिए कह रहा है। हालांकि स्टॉक मार्केट में कब तक एंट्री होगी, इसे लेकर प्रमोटर्स से पूछना होगा।
कैसी है इंश्योरेंस इंडस्ट्री की स्थिति?
इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने सरकार से हेल्थ इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी घटाने का आग्रह किया है। हाल ही में जीएसटी काउंसिल की जो बैठक हुई थी, उसमें इस पर विचार भी हुआ था लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ। तपन सिंघल का कहना है कि जिनका बीमा नहीं है, उनमें से कुछ बीमार पड़ने पर गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं और ऐसा हर साल करीब 10 करोड़ भारतीयों के साथ होता है। ऐसे में उन्होंने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस, सरकार या ट्रस्ट के रूप में प्रोटेक्शन होना चाहिए।
तपन सिंघल का कहना है कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री लिए गए हर 100 रुपये प्रीमियम पर करीब 120 रुपये देती है। उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ टैक्स रेशलाइजेशन ही नहीं बल्कि हॉस्पिटल के खर्चों पर नियामकीय मानकों के जरिए नियंत्रण करने की जरूरत है। सिंघल के मुताबिक पिछले साल 2024 में बजाज आलियांज ने करीब 90 हजार करोड़ क्लेम चुकाए जिसमें से 66 फीसदी के करीब तो कैशलेस थे। कैशलेस अप्रूवल आधे या एक घंटे के भीतर देना होता है और रिइंबर्समेंट के मामले में 15 दिनों के भीतर अप्रूव करना होता है।