केरल स्थित धनलक्ष्मी बैंक (Dhanlaxmi Bank) के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स में से एक श्रीधर कल्याणसुंदरम (Sridhar Kalyanasundaram) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बैंक के ऑपरेशन से जुड़े कई मुद्दों और बोर्ड के भीतर आंतरिक विवाद का हवाला देते हुए 16 सितंबर को इस्तीफे का ऐलान किया। बैंक की ओर से एक्सचेंजों को 17 सितंबर को भेजे गए एक मैसेज में यह जानकारी दी गई है। धनलक्ष्मी बैंक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नियुक्त दो एडिशनल डायरेक्टर्स सहित 10 बोर्ड मेंबर हैं। बैंक पिछले कुछ सालों में टॉप लेवल के इस्तीफों और ऑपरेशन संबंधी मुद्दों को लेकर खबरों में रहा है।
इन वजहों से कल्याणसुंदरम ने दिया इस्तीफा
कल्याणसुंदरम ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को लिखे अपने रेजिग्नेशन लेटर में कई मुद्दों पर बात की है। इन मुद्दों में बोर्ड से सपोर्ट की कमी, राइट्स इश्यू प्लान से जुड़े मुद्दे, कैपिटल एन्हांसमेंट प्लान, बैंक के बोर्ड का आचरण, ईमानदारी और कई मुद्दों पर आम सहमति की कमी शामिल है। कल्याणसुंदरम ने अपने लेटर में कहा कि बैंक वन टाइम सेटलमेंट (OTS) प्रोसेस का इस्तेमाल कर रहा है, जबकि इसका बैंक की एनपीए पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
कल्याणसुंदरम ने अपने लेटर में क्या कहा?
कल्याणसुंदरम ने अपने रेजिग्नेशन लेटर में कहा, "ऐसे कई उदाहरण हैं जहां अहम होने के बावजूद मेरे द्वारा दिए गए इनपुट को बोर्ड के अन्य सदस्यों द्वारा जानबूझकर नामंजूर / टाला / खारिज कर दिया गया है। कल्याणसुंदरम ने आगे कहा, "मैं अकेला या यहां तक कि पहला डायरेक्टर नहीं हूं जिसे अपनी शर्तों पर काम न करने के कारण नाराज होना पड़ा है। कई लोगों ने इस बोर्ड को जरूरी कंपोजिशन के साथ कानूनी रूप से असंगत बना दिया था।"