Economic Survey 2022: साल 2021 में ग्लोबल स्तर पर सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत (Semiconductor Shortage) देखी गई। इसके चलते भारत में भी कई कई सेक्टर्स की कंपनियों को अपना उत्पादन घटाने या पूरी तरह ठप करने पर मजबूर होना पड़ा। सोमवार 31 जनवरी को पेश आर्थिक सर्वे 2021-22 में यह जानकारी दी गई।
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में पेश किया गया। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के लागत से जो योजना शुरू की का फैसला किया है, उससेदेश में सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि इस सेक्टर्स के लिए सरकार ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब पूरी दुनिया सप्लाई मोर्च पर जुड़ी दिक्कतों के चलते सेमीकंडक्टर की भारी किल्लत का सामना कर रही है। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया, "सेमीकंडक्टर का सप्लाई चेन टूट गया है। इससे पैदा हुई गंभीर दिक्कतों के चलते इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोबाइल के अलावा भी कई सेक्टर्स की कंपनियों का उत्पादन या तो घट गया है या पूरी तरह से बंद हो गया है।"
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, सेमीकंडक्टर्स् को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई और अन्य योजनाओं से न केवल घरेलू कंपनियों को कोरोना की चुनौतियों से पार पाने में मदद मिलेगा, बल्कि उन्हें चिप बनाने के मामले में ग्लोबल स्तर पर कॉम्पिटीशन बनने में भी मदद मिलेगी।
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री है और अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर्स में तेजी से इसका दखल बढ़ता जा रहा है।
बता दें कि सेमीकंडक्टर सभी इलेक्ट्रानिक या हेल्थ डिवाइसों का एक अभिन्न अंग होता है। इसे आप किसी मशीन का दिल कह सकते हैं। सेमीकंडक्टर के बिना ये डिवाइसें नहीं बनाई जा सकती है।