Economic Survey 2025: आर्थिक सर्वे 2025 में अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7% से भी कम दिया जा सकता है। हमारे सहयोगी CNBC-आवाज ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। इस गिरावट के पीछे ग्लोबल आर्थिक परिस्थतियां एक मुख्य वजह हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक इकोनॉमिक सर्वे में जॉब मार्केट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के असर की भी बात की जाएगी। इसके चलते हमारे लेबर मार्केट को रोजगार के लिए नई रणनीतियां अपनानी पड़ सकती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि GDP के मुकाबले एक्सपोर्ट में गिरावट की आशंका जताई जा सकती है। आर्थिक सर्वे में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में चीन पर निर्भरता पर चिंता जताई जा सकती है। इसके अलावा आर्थिक सर्वे में इंडस्ट्री के डीरेगुलेशन पर जोर दिया जा सकता है। वहीं एग्रीकल्चर सेक्टर पर फोकस बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में जब आर्थिक सर्वे यानी इकोनॉमिक सर्वे 2025 का डॉक्यूमेंट पेश होने में अब बस कुछ ही समय बाकी है। इस बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंथा नागेश्वरन ने एक अंग्रेजी अखबार के लिए लेख में आर्थिक सर्वे 2025 के लिए मुख्य चुनौतियों और अवसरों पर बात की। नागेश्वरन ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6% तक धीमी हो गई, लेकिन दूसरी छमाही में इसमें सुधार होने की उम्मीद है।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 31 जनवरी को संसद में मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश करेंगी। यह आर्थिक सर्वे मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आकलन के साथ देश के सामने आने वाली चुनौतियों को बयां करती है। आम बजट से ठीक पहले संसद में पेश होने वाली आर्थिक सर्वे से आगे के सुधारों और विकास का खाका भी मिलता है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की अगुआई वाली टीम ने आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को तैयार किया है। सर्वे रिपोर्ट में धीमी GDP ग्रोथ, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट और खपत में सुस्ती जैसी प्रमुख चुनौतियों के बारे में विस्तार से आकलन प्रदान किए जाने की उम्मीद है।