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ED ने NSE के पूर्व चीफ चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर भी हैं आरोपी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार 9 सितंबर को ED के दो पूर्व चीफ- चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishna) और रवि नारायण (Ravi Narain) के खिलाफ चार्जशीद दायर की

अपडेटेड Sep 09, 2022 पर 6:54 PM
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NSE के पूर्व चीफ चित्रा रामकृष्ण (बाएं) और रवि नारायाण (दाएं)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार 9 सितंबर को ED के दो पूर्व चीफ- चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishna) और रवि नारायण (Ravi Narain) के खिलाफ चार्जशीद दायर की। एजेंसी की चार्जशीट में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे (Sanjay Pandey) का भी नाम है। ED ने यह चार्जशीट NSE के कर्मचारियों की अवैध जासूसी से जुड़े एक मनीलॉन्ड्रिंग के एक मामले में दाखिल किया है।

चित्रा रामकृष्ण के खिलाफ दाखिल की गई यह दूसरी चार्जशीट है। इससे पहले सीबीआई ने को-लोकेशन और एल्गोरिथम घोटाला मामले में उन्हें और NSE के तत्कालीन ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) आनंद सुब्रमण्यम को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल किया था। चित्रा रामकृष्ण फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

इससे पहले बुधवार 7 सितंबर को दिल्ली की एक विशेष अदालत ने एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण को ED की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया था। कोर्ट ने एक्सचेंज में अवैध रूप से फोन टैपिंग से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।


बता दें कि को-लोकेशन स्कैम (co location scam) के मामले की जांच के दौरान इस फोन टैपिंग के मामले का खुलासा हुआ था। ईडी ने मंगलवार को दिल्ली से नारायण को गिरफ्तार किया था। पांच साल पहले एनएसई (NSE) में अनियमितताओं को लेकर शुरू हुई जांच के बाद उन्हें पहली बार गिरफ्तार किया गया था।

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कब का है यह मामला

फोन टैपिंग का यह मामला मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे और कुछ एनएसई अधिकारियों से जुड़ा है, जिन्होंने कथित रूप से 2009 से 2017 के बीच कर्मचारियों की कॉल्स की मॉनिटरिंग की थी। यह कानून का उल्लंघन था।

ED ने इसी साल 14 जुलाई को NSE की पूर्व चीफ चित्रा रामकृष्ण और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के साथ रवि नारायण के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

सीबीआई भी दर्ज कर चुकी है मामला

इससे पहले सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (CBI) ने भी 2009 और 2017 के बीच NSE कर्मचारियों की कथित तौर पर फोन टैप कराने के आरोप में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बता दें कि NSE को-लोकेशन मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है।

ED ने कोर्ट को क्या बताया?

ईडी ने पिछले हफ्ते दिल्ली की एक अदालत को बताया कि रवि नारायण और अन्य आरोपियों ने NSE और उसके कर्मचारियों को धोखा देने की साजिश रची थी। इन्होंने NSE की साइबर कमजोरियों की स्टडी के नाम पर iSEC सर्विस प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी के साथ मिलकर NSE के कर्मचारियों की जासूसी कराई और उनकी अवैध फोन टैपिंग कराई। iSEC सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे से जुड़ी कंपनी है।

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