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Hindustan Aeronautics ने डीके सुनील को बनाया चेयरमैन और MD, पढ़ें डिटेल

Hindustan Aeronautics: डॉ सुनील ने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और IIT मद्रास से एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में एम.टेक किया है। उन्होंने वर्ष 2019 में हैदराबाद यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स साइंस में पीएचडी भी पूरी की

अपडेटेड Sep 09, 2024 पर 9:53 PM
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डॉ. डीके सुनील को कंपनी का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है।

Hindustan Aeronautics: पब्लिक सेक्टर की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डॉ. डीके सुनील को कंपनी का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। कंपनी ने आज 9 सितंबर को यह जानकारी दी। डॉ. डीके सुनील की नियुक्ति आज से प्रभावी हो गई है। इस बीच कंपनी के शेयरों में आज 0.98 फीसदी की गिरावट देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 4654.40 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 3.11 लाख करोड़ रुपये है।

डॉ सुनील 29 सितंबर 2022 से HAL में डायरेक्टर (इंजीनियरिंग और R&D) के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर का अतिरिक्त प्रभार संभाला है। चेयरमैन और एमडी के तौर पर उनका कार्यकाल 30 अप्रैल 2026 तक या रक्षा मंत्रालय के अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, जारी रहेगा। डॉ सुनील कंपनी के किसी अन्य डायरेक्टर से संबंधित नहीं हैं।

DK Sunil ने IIT मद्रास किया है एमटेक


डॉ सुनील ने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और IIT मद्रास से एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में एम.टेक किया है। उन्होंने वर्ष 2019 में हैदराबाद यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स साइंस में पीएचडी भी पूरी की।

वे 1987 में एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स में शामिल हुए और कंपनी में कई भूमिकाओं में लगभग 37 वर्षों का अनुभव रखते हैं। इसमें उन्होंने डिजाइन, प्रोडक्शन, क्वालिटी एनहैंसमेंट और कस्टमर सपोर्ट इश्यू में योगदान दिया है।

DK Sunil का करियर

डॉ सुनील के लीडरशिप में हाई पावर रडार पावर सप्लाई, वॉयस एक्टिवेटेड कंट्रोल सिस्टम और कंबाइंड इंटेरोगेटर ट्रांसपोंडर जैसी नई टेक्नोलॉजी विकसित की गईं, जो कंपनी के लिए नए ग्रोथ एरिया बन गए हैं। डॉ सुनील ने डेटालिंक के लिए आईआईटी कानपुर और वॉयस रिकग्निशन टेक्नोलॉजीज के लिए IIIT हैदराबाद जैसे संस्थानों के साथ पार्टनरशिप की। उनके विजरनी एप्रोच ने अत्याधुनिक तकनीकों में HAL की स्थिति को मजबूत किया।

बेंगलुरु में मिशन कॉम्बैट सिस्टम्स R&D सेंटर में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक्टिव ESA रडार, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) के लिए ऑटोमैटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, और हेलीकॉप्टर और फाइटर प्लेटफार्मों के लिए मिशन कंप्यूटर जैसी ग्राउंड-ब्रेकिंग प्रोजेक्ट्स पर फोकस्ड टीमों का नेतृत्व किया।

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