अगर आप हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के स्किनकेयर प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं, तो इनके महंगे होने के लिए तैयार रहें। कंपनी ने पाम ऑयल की बढ़ती कीमतों के कारण स्किनकेयर सेगमेंट में प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा दी हैं। वहीं दूसरी ओर कमोडिटी की कम कीमतों और प्रतिस्पर्धी दबाव के कारण चाय और होमकेयर प्रोडक्ट्स जैसी कैटेगरीज में कीमतों को घटाया है। HUL की चाय में ब्रुक बॉन्ड ब्रांड के तहत ताज महल, रेड लेबल, ताजा, थ्री रोजेज शामिल हैं। साथ ही लिप्टन ब्रांड भी इसी का है।
होमकेयर ब्रांड्स में विम, रिन, कंफर्ट, सर्फ एक्सेल, व्हील, डोमेक्स, सनलाइट जैसे नाम शामिल हैं। वहीं स्किनकेयर कैटेगरी में पॉन्ड्स, डव, वैसलीन, ग्लो एंड लवली (पुराना नाम फेयर एंड लवली), लैक्मे जैसे ब्रांड शामिल हैं।
पाम और पाम डेरिवेटिव्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नजर
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, HUL के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) रितेश तिवारी ने अर्निंग्स कॉल में कहा कि कंपनी पाम और पाम डेरिवेटिव्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नजर रख रही है। ये कंपनी के स्किन क्लींजिंग प्रोडक्ट्स के लिए प्रमुख मैटेरियल हैं। पिछले 6-12 महीनों में स्किन क्लींजिंग में पाम और पाम ऑयल डेरिवेटिव्स के इस्तेमाल में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है। इसी वजह से कीमतों में बढ़ोतरी की है। उन्होंने यह भी कहा कि HUL को आगे पाम और पाम डेरिवेटिव्स की कीमतों में कुछ नरमी आने के आसार दिख रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो कंपनी इसका फायदा ग्राहकों को देगी। तिवारी ने कहा, "कीमतें अस्थिर बनी हुई हैं, इसलिए हम नजर रखेंगे कि आगे क्या होता है।"
जून तिमाही में मुनाफा 6 प्रतिशत बढ़ा
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का अप्रैल-जून 2025 तिमाही में कंसोलिडेटेड बेसिस पर शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 5.97 प्रतिशत बढ़कर 2768 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। एक साल पहले मुनाफा 2612 करोड़ रुपये रहा था। रेवेन्यू 5.15 प्रतिशत बढ़कर 16,296 करोड़ रुपये हो गया। जून 2024 तिमाही में यह 15497 करोड़ रुपये था। जून 2025 तिमाही में कुल खर्च 7.25 प्रतिशत बढ़कर 13,284 करोड़ रुपये के रहे।
तिवारी का कहना है कि कंपनी के ग्रॉस मार्जिन में सुधार होगा और इस सुधार को कारोबार में वापस लगाया जाएगा। कंपनी अगली कुछ तिमाहियों तक 22 प्रतिशत का मार्जिन बनाए रखेगी। आगे के लिए कहा, "हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष यानि 2025-26 की पहली छमाही यानि अप्रैल-सितंबर बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही यानि कि अक्टूबर-मार्च से बेहतर रहेगी।