प्राइवेट सेक्टर के IDFC First Bank ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बैंक का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़ा है और यह 716 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में बैंक को 605 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस खबर के बीच आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयरों में 1.62 फीसदी की तेजी देखी गई औह यह स्टॉक 87.80 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
कैसे रहे बैंक के तिमाही नतीजे
तीसरी तिमाही में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 30 फीसदी बढ़कर 4,287 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 3,286 करोड़ रुपये थी। इस अवधि के दौरान अन्य आय सालाना आधार पर 32 फीसदी बढ़कर 1,517 करोड़ रुपये हो गई। पिछले वर्ष की अवधि में यह 1,152 करोड़ रुपये था।
बैंक ने अक्टूबर-दिसंबर अवधि में 1,562 करोड़ रुपये का प्री-प्रोविजन ऑपरेटिंग प्रॉफिट दर्ज किया, जो सालाना 24% अधिक है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 1,261 करोड़ रुपये था। दिसंबर तिमाही में प्रोविजन सालाना आधार पर 46% तेजी से बढ़कर 654 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वर्ष की अवधि में यह 450 करोड़ रुपये था। तिमाही आधार पर प्रोविजन में 24% की वृद्धि हुई।
दिसंबर तिमाही के दौरान नेट इंटरेस्ट मार्जिन Q3FY24 में 6.42% रहा, जबकि Q3FY23 में यह 6.13% और Q2FY24 में 6.32% था। तिमाही में कोर ऑपरेटिंग इनकम (NII प्लस फीस, ट्रेडिंग गेन को छोड़कर) 4402 करोड़ रुपये से 31% बढ़ी।
बैंक की ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट दिसंबर 2022 के 2.96% से बढ़कर दिसंबर 2023 तक 2.04% हो गई। इस बीच, नेट एनपीए भी सुधरकर 0.68% हो गया। दिसंबर तिमाही के अंत में कस्टमर डिपॉजिट सालाना आधार पर 43% बढ़कर 1.76 लाख करोड़ रुपये हो गया।
दिसंबर 2023 तक फंडेड एसेट्स (एडवांस और क्रेडिट विकल्प सहित) सालाना आधार पर 25% बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये हो गई। बैंक ने कहा कि वह इन्फ्रॉस्ट्रक्चर फाइनेंसिंग को बंद करना जारी रखता है, जो अब कुल वित्त पोषित संपत्ति का केवल 1.6% है।