केंद्र में बनने वाली नई सरकार की तस्वीर साफ हो जाने के बाद कंपनियों की नजरें रिफॉर्म्स और पॉलिसी पर हैं। मनीकंट्रोल ने कई कंपनियों के एग्जिक्यूटिव से बातचीत की। उन्होंने उम्मीद जताई की नई सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करेगी। वह पीएलआई जैसी पहल करेगी। 4 जून के चुनावी नतीजों ने लोगों को चौंकाया है। बीजेपी को अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिलने पर उसकी निर्भरता एनडीए के सहयोगी दलों पर होगी।
इंडस्ट्रियल ग्रोथ पर सरकार का फोकस बना रहेगा
Maruti Suzuki के चेयरमैन आरसी भार्गव ने भरोसा जताया कि मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियल ग्रोथ से जुड़ी पॉलिसीज जारी रहेगी। उन्होंने कहा, "मुझे मैन्युफैक्चरिंग और इंडिस्ट्रियल ग्रोथ को लेकर सरकार की पॉलिसी जारी नहीं रहने की कोई वजह नहीं दिखती।" एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) कंपनी के टॉप एग्जिक्यूटिव ने कहा, "नतीजे चौंकाने वाले थे। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग पर इसका असर नहीं पड़ेगा...इस बात को लेकर राष्ट्रीय सहमति है कि इकोनॉमी पर इस इंडस्ट्री का काफी ज्यादा असर है।" उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री के कई सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम जारी रहेगी।
इंफ्रास्ट्क्चर पर जोर से ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा
सुपर प्लास्ट्रोनिक्स के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में स्टैबिलिटी और अनुकूल पॉलिसी की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम ऐसी सरकार की उम्मीद करते हैं जो इनोवेशन, रेगुलेशंस और इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपना फोकस बनाए रखेगी। उन्होंने टेलीविजंस और एयर कंडिशनर्स पर जीएसटी में कमी की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इससे सेक्टर की ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
भारत को विकसित देश बनाने के लिए जरूरी है इनोवेशन
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री ने भी इकोनॉमी में रिफॉर्म्स पर सरकार का फोकस जारी रहने की उम्मीद जताई। इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (IEASA) के प्रेसिडेंट अशोक चंडाक ने कहा, "पिछले पांच साल से ज्यादा समय से सरकार ने ग्रोथ तेज करने के लिए इकोनॉमिक रिफॉर्म्स पर ध्यान दिया है। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर सेक्टर्स पर उसका फोकस रहा है। हमें उम्मीद है कि यह ट्रेंड जारी रहेगा। इससे 2047 तक इंडिया को एक विकसित देश बनाने में मदद मिलेगी।"
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कुछ एग्जिक्यूटिव्स ने इंतजार करो और देखों की पॉलिसी अपनाई
कुछ दूसरी कंपनियों के टॉप एग्जिक्टूटिव्स ने कहा कि वे इंतजार करो और देखों की पॉलिसी अपना रहे हैं। उन्होंने स्थिति को थोड़ा अनिश्चित बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले हफ्तों में इस बारे में तस्वीर साफ हो जाएगी।