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India-UK FTA: भारत-ब्रिटेन के बीच गुरुवार को होगा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, किसे मिलेगा ज्यादा फायदा?

India-UK FTA: भारत और ब्रिटेन 24 जुलाई को ऐतिहासिक FTA पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे दोनों देशों को व्यापार, निवेश, टैरिफ में राहत और पेशेवर पहुंच जैसे कई क्षेत्रों में लाभ होगा। जानिए समझौते से किसे अधिक फायदा होगा।

अपडेटेड Jul 23, 2025 पर 7:47 PM
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भारत की लगभग 99% वस्तुओं को ब्रिटेन में जीरो ड्यूटी के साथ एक्सेस मिलेगा।

India-UK FTA: भारत और ब्रिटेन (UK) गुरुवार, 25 जुलाई को एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। इस समझौते से दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर के व्यापार और निवेश के अवसर खुलने की उम्मीद है।

यह करार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन के दौरान होगा। यह 2014 में पदभार संभालने के बाद उनकी चौथी ब्रिटेन यात्रा है। पीएम मोदी यहां अपने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) से कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे और फिर 25 जुलाई को मालदीव रवाना होंगे।

क्या है भारत-ब्रिटेन FTA?


भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट एक बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौता है। इसकी शुरुआत जनवरी 2022 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में हुई थी। इसे पहले दिवाली 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन कई देरी के बाद इसे मई 2025 में जाकर अंतिम रूप से दिया जा सका। प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझौते को 'ऐतिहासिक करार' कहा है।

यह भारत का पिछले दस साल में पहला बड़ा FTA है और ब्रिटेन का ब्रेग्जिट के बाद चौथा ऐसा समझौता है। इसमें वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार समेत कुल 26 अध्याय शामिल हैं। इसके समानांतर दोनों देश एक द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर भी बातचीत कर रहे हैं। फिलहाल यह समझौता यूके संसद की मंजूरी का इंतजार कर रहा है और अगले एक वर्ष में लागू होने की संभावना है।

UK's Prime Minister Keir Starmer (L) and India's Prime Minister Narendra Modi talk during a bilateral meeting in the sidelines of the G20 summit at the Museum of Modern Art in Rio de Janeiro, Brazil Brazil, on November 18, 2024. (Photo by Stefan Rousseau / POOL / AFP)

भारत को क्या फायदा होगा?

इस FTA से भारत के लिए बड़ा फायदा यह होगा कि उसकी लगभग 99% वस्तुओं को यूके में जीरो ड्यूटी के साथ एक्सेस मिलेगा। फिलहाल, इन वस्तुओं पर 4% से 16% तक शुल्क लगता है। इससे वस्त्र, चमड़ा, जूते, खिलौने, समुद्री उत्पाद, रत्न-आभूषण, ऑटो कंपोनेंट्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलेगा।

एक और राहत सामाजिक सुरक्षा समझौते के रूप में मिलेगी। अब भारतीय कामगारों को ब्रिटेन में तीन साल तक सोशल सिक्योरिटी योगदान नहीं देना होगा। इससे कंपनियों और कामगारों को सालाना करीब ₹4,000 करोड़ की बचत होगी। भारतीय शेफ, योग प्रशिक्षक, संगीतकार और अन्य प्रोफेशनल्स को भी ब्रिटेन में अस्थायी वीजा एक्सेस मिलेगा। इससे सर्विस सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।

ब्रिटेन पहले ही भारत का छठा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जिसने अब तक $36 अरब निवेश किया है। FTA से मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में नए निवेश की उम्मीद है। वेलस्पन इंडिया, अरविंद लिमिटेड, रिलैक्सो, टाटा मोटर्स, महिंद्रा इलेक्ट्रिक और भारत फोर्ज जैसी कंपनियों को सीधे लाभ मिलेगा।

ब्रिटेन को क्या फायदा होगा?

ब्रिटेन को भी इस समझौते से व्यापक लाभ मिलेगा। उसकी 90% वस्तुओं पर भारत में लगने वाला शुल्क खत्म कर दिया जाएगा। स्कॉच व्हिस्की और जिन पर मौजूदा 150% शुल्क 10 वर्षों में क्रमशः 75% और फिर 40% तक घटा दिया जाएगा। वहीं कारों पर ड्यूटी 100% से घटकर सिर्फ 10% रह जाएगी। कॉस्मेटिक्स, चॉकलेट, बिस्किट, सैल्मन मछली और मेडिकल डिवाइसेज जैसे उत्पादों को भी राहत मिलेगी।

ब्रिटेन के ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस और मशीनरी सेक्टर को भी बड़ा फायदा होगा। जगुआर लैंड रोवर, एस्टन मार्टिन और डियाजियो जैसी कंपनियों की भारत में बिक्री बढ़ सकती है। साथ ही, ब्रिटेन के उपभोक्ताओं को भारतीय वस्तुएं सस्ती मिलेंगी।

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ब्रिटिश कंपनियों को भारतीय सरकारी टेंडरों तक पहुंच भी मिलेगी। अब वे ₹2 अरब से अधिक मूल्य के गैर-संवेदनशील टेंडरों में बोली लगा सकेंगी। इससे सालाना ₹4.09 लाख करोड़ मूल्य के करीब 40,000 टेंडरों तक पहुंच मिलेगी।

2040 तक यह समझौता ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में $6.5 अरब जोड़ सकता है। साथ ही, भारत को होने वाला ब्रिटिश एक्सपोर्ट को 69% यानी $21 अरब तक बढ़ सकता है।

इस करार का अहमियत क्या है?

यह समझौता दोनों देशों के लिए मील का पत्थर है। इससे भारत को मजबूत पश्चिमी बाजार मिलेगा और श्रम-प्रधान निर्यात को बल मिलेगा। वहीं, ब्रिटेन को एक तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के साथ संबंध गहराने का मौका मिलेगा। उसकी पोस्ट-ब्रेग्जिट व्यापार रणनीति भी मजूत होगा। ।

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे 'महत्वपूर्ण समझौता' बताया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस करार पर हस्ताक्षर के लिए पीएम मोदी के साथ ब्रिटेन यात्रा पर होंगे।

EFTA, ASEAN, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ भारत पहले ही FTA की दिशा में बढ़ रहा है। ऐसे में भारत-यूके समझौता अन्य देशों के लिए भी एक आदर्श मॉडल बन सकता है।

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