कर्नाटक के टियर II, टियर III शहरों में कंपनी शुरू करने पर सरकार करेगी मदद, हर लोकल हायरिंग पर मिलेंगे 50000 रुपये

कर्नाटक की आईटी पॉलिसी 2025-2030 में टियर 2 और टियर 3 शहरों में ऑपरेशन शुरू करने वाली आईटी कंपनियों के लिए कई तरह की इनसेंटिव ऑफर की गई है। इसका मकसद आईटी कंपनियों को राज्य के छोटे शहरों में कारोबार शुरू करने के लिए अट्रैक्ट करना है

अपडेटेड Nov 22, 2025 पर 3:51 PM
Story continues below Advertisement
कर्नाटक सरकार ने पांच साल में इस प्लान पर 445 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है।

कर्नाटक सरकार टियर II और टियर III शहरों में बिजनेस शुरू करने वाली आईटी कंपनियों को कई प्रोत्साहन ऑफर कर रही है। आईटी पॉलिसी 2025-2030 के मुताबिक, इन शहरों में बिजनेस शुरू करने वाली आईटी कंपनी को प्रत्येक एक लोकल एंप्लॉयी को नौकरी देने पर सरकार 50,000 रुपये तक देगी। इसी तरह सरकार टियर 2 और टियर 3 शहरों में आईटी या आईटीईएस पार्क शुरू करने के लिए 10 करोड़ रुपये देगी।

बेंगलुरु के इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव घटाने की कोशिश

अभी ज्यादातर आईटी पार्क्स बेंगलुरु में हैं। इससे सरकार को काफी रेवेन्यू मिलता है। लेकिन, बेंगलुरु के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी दबाव पड़ता है। कर्नाटक सरकार की नई आईटी पॉलिसी में आईटी टैलेंट रिटर्न प्रोग्राम के तहत लौटने वाले प्रोफेनल्स को लुभाने की कोशिश की गई है। अमेरिका के एच-1बी वीजा के नियमों में बदलाव से आईटी प्रोफेनल्स के भारत लौटने के आसार हैं। इस पहल के तहत एक डिजिटल पोर्टल शुरू करने का प्लान है। इसके जरिए विदेश से भारत लौटने वाले मिड-करियर इंजीनियर्स और लीडर्स के लिए मौके उपलब्ध कराए जाएंगे।


छोटे शहर भी टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित होंगे

सरकार की इस इनसेंटिव स्कीम का मकसद बेंगलुरु में भीड़-भाड़ में कमी लाना है। अभी ज्यादातर आईटी कंपनियां बेंगलुरु में हैं। इनमें काम करने वाले एंप्लॉयीज बेंगलुरु में रहते हैं। इससे बेंगलुरु में इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी ज्यादा दबाव है। सरकार इस दबाव को कम करने के लिए राज्य के दूसरे शहरों को टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करना चाहती है। इसके लिए सरकार कई दूसरे तरह की इनसेंटिव भी ऑफर कर रही है। इनमें रिइंबर्मेंट ऑन रेंट, प्रॉप्रटी टैक्स, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और टेलीकॉम एक्सपेंसेज में राहत जैसे उपाय शामिल हैं।

5 साल में स्कीम पर 445 करोड़ रुपये खर्च का प्लान 

कर्नाटक सरकार ने पांच साल में इस प्लान पर 445 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। टियर 2 और टियर 3 शहरों में प्रत्येक एक लोकल व्यक्ति को नौकरी देने पर कंपनी को सरकार की तरफ से 50,000 रुपये मिलेंगे। इसके लिए प्रति यूनिट 10 लाख रुपये की लिमिट तय की गई है। अगर कंपनियां अपने एंप्लॉयीज को बेंगलुरु से दूसरे जिलों में रिलोकेट करती हैं तो उसे रिलोकेशन पर होने वाले खर्च का 50 फीसदी रिइंबर्समेंट के रूप में मिल जाएगा। इसके लिए प्रति यूनिट 50 एंप्लॉयीज की लिमिट है।

यह भी पढ़ें: Delhi AQI: प्रदूषण से हाल बेहाल...दिल्ली-NCR में 50% वर्क फ्रॉम होम! ग्रैप -3 में लागू होंगे Grap-4 के नियम

इस स्कीम से राज्य के इन शहरों को होगा बड़ा फायदा 

सरकार मैसूर, मेंगलुरु, हुबली-धारवाड़, कलबुर्गी, बेलागावी, शिवमोगा और देवणगेरे जैसे शहरों को आईटी हब के रूप में विकसित करना चाहती है। सरकार डेवलपर्स को भी बेंगलुरु से बाहर आईटी या आईटीईस पार्क शुरू करने के लिए पूंजी के मामले में मदद दे रही है। छोटे शहरों में आईटी या आईटी या आईटीईएस पार्क लगाने वाले डेवलपर को कुल खर्च का 25 फीसदी रिइंबर्समेंट के रूप में मिल जाएगा। इसके लिए 10 करोड़ रुपये की लिमिट है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।