भारत में 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है म्यूजिक कंसर्ट का बिजनेस

वित्त वर्ष 2025 तक भारत में म्यूजिक कंसर्ट का बिजनेस 1,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल कर सकता है। कंसल्टिंग फर्म अर्न्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। कंसर्ट से जुड़ी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में भारत में 5,000 से ज्यादा ऑडियंस वाले कंसर्ट की संख्या 200 थी, जो 2025 तक बढ़कर 300 हो जाने का अनुमान है

अपडेटेड Dec 19, 2023 पर 4:43 PM
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भारत में कई तरह के म्यूजिक फेस्टिवल होते हैं, जिसमें लोक संगीत से लेकर रॉक म्यूजिक तक की रेंज शामिल है।

वित्त वर्ष 2025 तक भारत में म्यूजिक कंसर्ट का बिजनेस 1,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल कर सकता है। कंसल्टिंग फर्म अर्न्स्ट एंड यंग (EY) की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। कंसर्ट से जुड़ी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में भारत में 5,000 से ज्यादा ऑडियंस वाले कंसर्ट की संख्या 200 थी, जो 2025 तक बढ़कर 300 हो जाने का अनुमान है। इसी तरह, 2,000 से 5,000 की ऑडियंस वाले कंसर्ट की संख्या 2018 में 800 थी, जो 2025 तक बढ़कर 1,400 हो सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा ग्रोथ का अनुमान 2,000 से कम ऑडियंस वाले कंसर्ट में है। ऐसे कंसर्ट की संख्या में दोगुने से भी ज्यादा बढ़ोतरी उम्मीद है, जो 7,000 से बढ़कर 15,000 तक पहुंच सकते हैं।

भारत में कई तरह के म्यूजिक फेस्टिवल होते हैं, जिसमें लोक संगीत से लेकर रॉक म्यूजिक तक की रेंज शामिल है। साथ ही, कॉलेज फेस्टिवल और अन्य शो में भी बड़ी संख्या में भीड़ जुटती है और इन आयोजनों में लोग लाइव म्यूजिक का आनंद लेते हैं। फिलहाल, हर साल 20-25 प्रमुख बड़े म्यूजिक और फूड फेस्टिवल आयोजित किए जाते हैं, जिनमें तकरीबन 15 लाख लोग जुटते हैं।


अर्न्स्ट एंड यंग के सर्वे के मुताबिक, ऐसे आयोजनों से जुड़े लोगों की इनकम का मुख्य साधन फीस के तौर पर दी जाने वाले एकमुश्त राशि और लाइव परफॉर्मेंस में मिलने वाले इनाम वगैरह हैं। इसके अलावा, ये लोग फिल्म निर्माताओं या म्यूजिक लेबल के लिए कंटेंट भी बनाते हैं। लाइव म्यूजिक शो कई अन्य कंपनियों की अर्निंग में भी योगदान करते हैं, मसलन टिकट उपलब्ध कराने वाली कंपनियां जो टिकटों की बिक्री पर कमीशन हासिल करती हैं और अन्य सेवाओं के लिए फीस वसूलती ैहं।

लाइव शो से जुड़ी एक और इंडस्ट्री फूड एंड बेवरेजेज है- कंसर्ट वाली जगह पर फूड एंड बेवरेजेज स्टॉल की मौजूदगी काफी आम है। ये सारे प्रोडक्ट्स आम तौर पर प्रीमियम पर बेचे जाते हैं, जिससे संबंधित पक्षों को ज्यादा प्रॉफिट हासिल करने में मदद मिलती है।

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