इंफोसिस के को-फाउंडर और चेयरमैन नंदन निलेकणी ने कहा है कि इंडिया लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) बनाने की दौड़ में शामिल नहीं है बल्कि हमारा फोकस ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बनाने पर होगा, जो हर व्यक्ति के काम आएगा। उन्होंने कहा कि 'अदभुत' इंडिया दुनिया का एआई यूज-केस कैपिटल होगा। उन्होंने बताया कि एआई का इंडिया का रास्ता अलग है। हम अगला एलएलएम बनाने की दौड़ में शामिल नहीं हैं। हमारा मकसद बड़ा बदलाव लाना है। हम लोगों के हाथ में इस टेक्नोलॉजी को देना चाहते हैं। उन्होंने बेंगलुरु में 7 मई को एक कार्यक्रम में ये बातें बताईं।
एआई का इस्तेमाल अरबों लोगों की जरूरतें पूरी करने में
इस कार्यक्रम में एकस्टेप फाउंडेशन (EkStep Foundation) के पीपल प्लस एआई ने अपने ओपन क्लाउड कंप्यूट (OCC) प्रोजेक्ट के लॉन्च का ऐलान किया। ओसीसी का मकसद कंप्यूटर रिसोर्सेज के लिए एक ओपन नेटवर्क बनाना है। यह एआई इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। निलेकणी (Nandan Nilekani) ने कहा कि इंडिया को अगले 10 ट्रिलियन डॉलर मॉडल का इंतजार नहीं करना चाहिए। इसकी जगह हमें अपने अरबों लोगों की जरूरतों को पूरी करने के लिए उपलब्ध टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहिए।
दुनियाभर में एलएलएम में आगे निकलने की होड़
इंफोसिस के चेयरमैन ने ये बातें तब कही हैं, जब दुनियाभर में एलएलएम लॉन्च करने की होड़ मची हुई है। सब इस दौड़ में सबसे आगे रहने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "स्टार्टअप्स, सरकार और प्राइवेट सेक्टर की तरफ से किए जाने वाले प्रयोगों से हमें एआई के विकास और इस्तेमाल में मदद मिलेगी।" एआई तैयार करने में व्यस्त कंपनियों पर तंज कसते हुए नीलेकणी ने कहा कि ये नहीं चाहती कि दूसरे लोग एआई मॉडल बनाए और उसका इस्तेमाल करें। वे इसका इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए करना चाहती हैं। लेकिन, ऐसा होने वाला नहीं है। इम इसे सबके लिए ओपन करेंगे।
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एकस्टेप फाउंडेशन को मिली है निलेकणी की मदद
नीलेकणी ने EkStep Foundation की आर्थिक मदद की है। इसका मकसद पैसे कमाना नहीं है। इस फाउंडेशन के सीटीओ प्रमोद वर्मा ने कहा कि ओसीसी को एक एक कॉमन नेटवर्क पर कई माइक्रो डेटा सेटर/माइक्रो कंप्यूटिंग इनवायरमेंट्स/माइक्रो रिसोर्स प्रोवाइडर्स को लाने के लिए शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम में फिनटेक कंपनी सेतु (Setu) ने सीसम (Sesame) को पेश किया। सेतु का दावा है कि यह इंडिया का पहले एलएलएम है, जिसे खास तौर पर बैंकिंग के लिए तैयार किया गया है। इसे एआई रिसर्च फर्म Sarvam AI के साथ मिलकर तैयार किया गया है। इसे फाइनेंशियल सर्विसेज के 'चैटजीपीटी' की तरह देखा जा रहा है।