ब्रोकर नेटवर्क (Broker Network) के फाउंडर राहुल यादव ने कंपनी में इंफो एज (Info Edge) की हिस्सेदारी को कम करने की कोशिश की है। इसके तहत मार्च-अप्रैल में दुबई स्थित एक प्रॉपर्टी डीलर से 50 करोड़ रुपये के नए फंड लाने का ऑफर दिया गया है, जो कि पिछले फंडिंग राउंड के वैल्यूएशन से 99 फीसदी डिस्काउंट पर है। हाल ही में कंपनी की मेजोरिटी शेयरहोल्डर इंफो एज ने वित्तीय जानकारियां मांगी थी। मांगी गई जानकारियां नहीं मिलने के बाद इंफो एज ने राहुल यादव की प्रॉपर्टी टेक स्टार्टअप 4B नेटवर्क्स (4B Networks) का फॉरेंसिक ऑडिट कराने का निर्णय लिया है।
इंफो एज ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया, "उसकी सब्सिडियरी कंपनी 'ऑलचेकडील्स इंडिया' ने 4B नेटवर्क्स में निवेश किया था और समय-समय पर उसे फंडिंग मुहैया कराई थी। यह कुल राशि करीब 288 करोड़ रुपये है, जिसमें से 276 करोड़ रुपये शेयरों में निवेश किया गया है और 12 करोड़ रुपये डेट फाइनेंसिंग के तौर पर दिए गए थे।"
हाउसिंग डॉट कॉम के फाउंडर यादव ने ब्रोकर नेटवर्क (4B नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड) की शुरुआत नवंबर 2020 में की थी। इसे रियल एस्टेट डेवलपर्स और ब्रोकर्स को एक दूसरे के साथ संवाद करने और अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपना बिजनेस संचालित करने के लिए बनाया गया था।
राहुल यादव ने इंफो एज को दिए कई ऑफर
ब्रोकर नेटवर्क ने पिछली बार इंफो एज से सितंबर 2022 में लगभग 1500 करोड़ रुपये (185 मिलियन डॉलर) के पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर 90 करोड़ रुपये जुटाए थे। जानकारी के मुताबिक यादव ने पिछले कुछ महीनों में दुबई स्थित एक प्रॉपर्टी डीलर की ओर से ईमेल के माध्यम से इंफो एज को कई ऑफर दिए थे। हालांकि, ब्रोकर नेटवर्क के करीबी सूत्रों के मुताबिक ये ऑफर कभी लीगल एग्रीमेंट तक नहीं पहुंचे।
मार्च में यादव द्वारा लाया गया पहला ऑफर कंपनी के लिए 2 करोड़ रुपये का वैल्यूएशन और 4 करोड़ रुपये का प्राइमरी कैपिटल निवेश था, जिसने इंफो एज को माइनॉरिटी शेयर बना दिया होता। ब्रोकर नेटवर्क से जुड़े लोगों के मुताबिक, माना जाता है कि इंफो एज ने इस पर विचार करने से भी इनकार कर दिया है।
कुछ दिनों बाद यादव और उनके निवेशक ने 10 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन और 2 करोड़ रुपये के प्राइमरी निवेश की पेशकश की। इनमें से किसी भी प्रस्ताव के तहत Info Edge मेजोरिटी शेयरहोल्डर के रूप में अपना अधिकार खो देता।
इंफो एज ने स्वीकार नहीं किया ऑफर
यहां तक कि जब इंफो एज ने ऑफर को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, तो यादव 20 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन और कंपनी में 50 करोड़ रुपये के प्राइमरी निवेश के "फाइनल ऑफर" के साथ आए। जब इंफो एज ने निवेशक से फोन पर बात की और व्यक्तिगत रूप से मिलने के साथ-साथ KYC डिटेल का अनुरोध किया, तो निवेशक गायब हो गया।
इस ऑफर के लिए यादव जिस निवेशक को लाए थे, वह दुबई स्थित एक प्रॉपर्टी डीलर था, जिसके भारत, यूके और यूएई में बिजनेस है। वह यादव का पुराना सहयोगी और मित्र बताया जाता है। उनका पिछले 18 महीनों से ब्रोकर नेटवर्क के साथ एक लेनदार के रूप में बिजनेस संबंध भी था। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि वह यादव का दोस्त था और पिछले कुछ सालों से उसके साथ देखा जा रहा था।