RBI Monetary Policy Meeting MPC Highlights: मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने पॉलिसी रेट को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया, जबकि दो इसमें बदलाव किए जाने के पक्ष में थे। इसके साथ ही एमपीसी ने अपने रुख को ‘न्यूट्रल’ बनाए रखने का फैसला लिया है। रेपो दर में बदलाव न होने का मतलब है कि मकान, गाड़ी समेत विभिन्न कर्जों पर EMI में बदलाव की संभावना कम है
RBI Policy Highlights: दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर पॉलिसी रेट में कटौती नहीं की गई। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसे 6.50 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया है। एनालिस्ट्स पहले की अनुमान जता चुके थे कि रेपो रेट में कटौती नहीं होगी। यह चालू वित्त वर्ष 2024-25 की 5वीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक
RBI Policy Highlights: दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर पॉलिसी रेट में कटौती नहीं की गई। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसे 6.50 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा गया है। एनालिस्ट्स पहले की अनुमान जता चुके थे कि रेपो रेट में कटौती नहीं होगी। यह चालू वित्त वर्ष 2024-25 की 5वीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक थी। रेपो रेट वह रेट है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। आखिरी बार इसमें फरवरी 2023 में कटौती की गई थी।
जैसी कि उम्मीद जताई जा रही थी MPC ने अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के मकसद से CRR (कैश रिजर्व रेशियो) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया। इस कदम से बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी। CRR किसी बैंक की कुल जमा राशि का वह प्रतिशत है, जिसे बैंक को लिक्विड कैश में RBI के पास रिजर्व के तौर पर रखना होता है। कटौती से पहले CRR 4.5% था।
इसके अलावा मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने देश की ग्रोथ रेट के अनुमान को रिवाइज किया है। अब वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.6% की ग्रोथ रेट का अनुमान दिया गया है। पहले यह 7.2% था। अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही के लिए ग्रोथ रेट प्रोजेक्शन को 7.4% से घटाकर 6.8% कर दिया गया है। जनवरी-मार्च 2025 के लिए इसे 7.4% से कम करके 7.2% कर दिया गया है।
मीटिंग के नतीजों की घोषणा करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने वित्त वर्ष 2025 में महंगाई 4.8% रहने का अनुमान जताया है। वहीं दिसंबर तिमाही में यह 5.7% और मार्च तिमाही में 4.5% रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही यानि अप्रैल-जून में महंगाई 4.6% और जुलाई-सितंबर में 4% रह सकती है