भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगले हफ्ते बैंकिंग सिस्टम में 16 अरब डॉलर से अधिक की नकदी डालने जा रहा है। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि टैक्स पेमेंट से होने वाली नकदी निकासी की भरपाई की जा सके। RBI ने मौजूदा और बदलती लिक्विडिटी कंडीशन की समीक्षा के बाद गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की खरीद का लक्ष्य दोगुना कर ₹40,000 करोड़ ($4.61 अरब) कर दिया है। RBI ने गुरुवार को ₹40000 करोड़ मूल्य के सरकारी बॉन्ड खरीदे, जबकि शुरुआत में उसने ₹20000 करोड़ की ही खरीद की घोषणा की थी।
करूर वैश्य बैंक के ट्रेजरी हेड VRC रेड्डी ने कहा, "इस सप्ताह इसी तरह के एक्शन के बाद मात्रा में बढ़ोतरी की उम्मीद थी।" उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष के अंत तक एक ट्रिलियन रुपये (₹1 लाख करोड़) से अधिक की OMO (Open Market Operations) खरीदारी की जरूरत होगी। अगले हफ्ते की नीलामी के लिए, केंद्रीय बैंक ने बेंचमार्क 6.79% 2034 सरकारी बॉन्ड को भी इस ऋण खरीद में शामिल किया है। आरबीआई ने जनवरी में अपनी पहली ऋण खरीद में इस बॉन्ड के लगभग ₹5000 करोड़ के मूल्य के बॉन्ड खरीदे थे, लेकिन इसे दूसरी OMO ऑक्शन में शामिल नहीं किया था।
पिछले एक महीने में, आरबीआई ने कई तरीकों से लगभग ₹2.68 लाख करोड़ की नकदी बैंकिंग सिस्टम में डाली है। इसमें ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) के तहत बॉन्ड खरीद, सेकेंडरी मार्केट में ऋण खरीद, डॉलर/रुपया स्वैप और लंबी अवधि की वेरिएबल रेट रेपो (VRR) नीलामियां शामिल हैं।
इसके अलावा, आरबीआई रोज़ाना बैंकों को ओवरनाइट रेपो भी दे रहा है, और यह कर्ज बैंकों की जरूरत के हिसाब से एडजस्ट किया जाता है। हालांकि, इन रेपो नीलामियों में से करीब दो-तिहाई पूरी तरह भरी नहीं गईं, जिससे संकेत मिलता है कि आरबीआई बाजार की जरूरत के हिसाब से या उससे ज्यादा नकदी उपलब्ध करा रहा है।
इसके अलावा, आरबीआई ने सोमवार को ₹1 लाख करोड़ की चार दिन की वेरिएबल रेट रेपो (VRR) नीलामी आयोजित करने की घोषणा की है। जीएसटी (Goods and Services Tax) भुगतान करीब 20 फरवरी को होना है। ट्रेडर्स का अनुमान है कि इस दौरान ₹1.6 लाख करोड़ से ₹2 लाख करोड़ तक की नकदी बैंकों से बाहर जाएगी।