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टाटा इंटरनेशनल को दिसंबर में बॉन्ड्स के लौटाने होंगे 800 करोड़, पेमेंट में नाकाम रहने पर बढ़ सकता है संकट

Tata International ने ये पैसे दिसंबर 2022 में NCD से जुटाए थे। पहले इश्यू किए गए बॉन्ड्स का पेमेंट करने के लिए कंपनी ने दिसंबर 2022 में ये बॉन्ड्स जारी किए थे। इन बॉन्ड्स पर तीन साल की 'फर्स्ट ऑप्शनल कॉल डेट' की शर्त है

अपडेटेड Oct 13, 2025 पर 8:27 PM
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टीआईएल का रेवेन्यू FY24 में करीब 28,000 करोड़ रुपये रहा। लेकिन, कंपनी का मार्जिन सिर्फ 1 फीसदी रहा।

टाटा इंटरनेशनल (टीआईएल) के लिए अगले कुछ महीने काफी अहम हैं। कंपनी को दिसंबर में करीब 8,000 रुपये मूल्य के बॉन्ड्स के पेमेंट करने हैं। ये बॉन्ड्स दिसंबर में मैच्योर करने जा रहे हैं। अगर कंपनी दिसंबर में पेमेंट करने में नाकाम रहती है तो इन बॉन्ड्स पर इंटरेस्ट रेट 9.1 फीसदी से बढ़कर 12.1 फीसदी हो जाएगा। इंटरेस्ट रेट 3 फीसदी बढ़ने से कंपनी पर वित्तीय बोझ काफी ज्यादा बढ़ जाएगा।

TIL ने 2022 में इश्यू किए थे एनसीडी

Tata International ने ये पैसे दिसंबर 2022 में NCD से जुटाए थे। पहले इश्यू किए गए बॉन्ड्स का पेमेंट करने के लिए कंपनी ने दिसंबर 2022 में ये बॉन्ड्स जारी किए थे। इन बॉन्ड्स पर तीन साल की 'फर्स्ट ऑप्शनल कॉल डेट' की शर्त है। इससे टीआईएल के पास तीन साल के अंत में इन बॉन्ड्स को रिडीम करने का विकल्प है। ये बॉन्ड लंबी अवधि के हैं। लेकिन, इन्हें दिसंबर में रिडीम करना टीआईएल के लिए फायदेमंद है। यह रिडेम्प्शन ऐसे वक्त आ रहा है, जब टीआईएल की वित्तीय सेहत ठीक नहीं है।


कपनी पर 4100 करोड़ रुपये का कर्ज

टीआईएल का रेवेन्यू FY24 में करीब 28,000 करोड़ रुपये रहा। लेकिन, कंपनी का मार्जिन सिर्फ 1 फीसदी रहा। कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़कर 4,100 करोड़ रुपये हो गया है। FY25 में टर्नओवर करीब 32,000 करोड़ पहुंचने के बावजूद ज्यादा कर्ज की वजह से कंपनी को करीब 477 करोड़ रुपये का लॉस हुआ है। कंपनी को फॉरेक्स लॉस हुआ है। साथ ही इसका ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस भी अच्छा नहीं है। अगर लंबी अवधि के बॉन्ड्स (perpetual) को मिला दिया जाए तो कर्ज का बोढ़ बढ़कर 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाता है।

पेमेंट नहीं करने पर इंटरेस्ट पर खर्च बढ़ जाएगा

अगर टीआईएल किसी वजह से दिसंबर में बॉन्ड्स की पेमेंट नहीं करती है तो इंटरेस्ट पर उसका खर्च बढ़कर सालाना 24 करोड़ तक पहुंच जाएगा। इस बारे में टाटा इंटरनेशनल और टाटा संस को भेजे ईमेल का जवाब नहीं मिला। कंपनी की बैलेंसशीट पर पहले से दबाव है। ऐसे में कंपनी को या तो इन बॉन्ड्स को रिफाइनेंस करना होगा या अपनी प्रमोटर कंपनी पर निर्भर होना पड़ेगा।

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टाटा संस  1000 करोड़ फंडिंग का एलान कर चुकी है

टाटा संस टीआईएल की प्रमोटर कंपनी है। टाटा संस पहले ही 1,000 करोड़ रुपये की पूंजी टीआईएल में लगाने का ऐलान कर चुकी है। इस फंडिंग की वजह से टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टीज के बीच मतभेद बढ़ा है। टाटा संस में टाटा ट्रस्ट्स की 66 फीसदी हिस्सेदारी है।

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