स्मार्टफोन और कंप्यूटर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के दायरे में नहीं आएंगे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग के नए दिशा-निर्देशों में ऐसा कहा गया है। ट्रंप ने 2 अप्रैल को कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी। चीन पर इसकी दर को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया गया है। भारत के लिए दर 26 प्रतिशत है। हालांकि ट्रंप ने 9 अप्रैल को कहा कि वह 90 दिनों के लिए चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों के लिए केवल 10 प्रतिशत की रेसिप्रोकल टैरिफ रेट लागू कर रहे हैं।
चीनी आयात पर 125% के भारी भरकम रेसिप्रोकल टैरिफ ने एप्पल जैसी दिग्गज टेक कंपनियों की चिंताएं बढ़ा दी थीं। इन कंपनियों के ज्यादातर प्रोडक्ट चीन में बनते है। रेसिप्रोकल टैरिफ से बाहर रखे गए HSN कोड्स में स्मार्टफोन, टेलिकॉम इक्विपमेंट, चिपमेकिंग मशीनरी, रिकॉर्डिंग डिवाइस, डेटा प्रोसेसिंग मशीन और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली सहित कई टेक प्रोडक्ट शामिल हैं। इन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स का अमेरिका में प्रोडक्शन शुरू होने में कई साल लगेंगे।
अल्पकालिक हो सकती है यह राहत
CNBC के मुताबिक, नए टैरिफ गाइडेंस के तहत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कंपोनेंट्स को भी टैरिफ से बाहर रखा गया है। इनमें सेमीकंडक्टर, सोलर सेल, फ्लैट पैनल टीवी डिस्प्ले, फ्लैश ड्राइव, मेमोरी कार्ड और डेटा स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सॉलिड-स्टेट ड्राइव शामिल हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस ने अभी तक नए गाइडेंस पर कोई कमेंट नहीं किया है। यह भी कहा है कि यह राहत अल्पकालिक हो सकती है।