भारत दुनिया के शीर्ष स्टार्टअप हब में से एक रूप में उभरा है। पिछले एक साल में 50 से भारतीय स्टार्टअप ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया है। सरकार से सपोर्ट के अलावा, पीई फर्मों और दूसरे निवेशकों से भी इन स्टार्टअप को काफी सपोर्ट मिल रहा है। हालांकि पहले कोरोना महामारी और फिर बाजार में जारी अस्थिरता बढ़ते भूराजनैतिक तनाव ने कई स्टार्टअप्स के ग्रोथ पर नकारात्मक असर डाला है। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही 7 बड़े स्टार्टअप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने इस उथल-पुथल के दौरान अपने कारोबार में घाटा दर्ज किया है।
ओयो अब एक मल्टीनेशनल ब्रांड है। हालांकि कोरोना महामारी ने इस स्टार्टअप की वित्तीय सेहत काफी बुरा असर डाला है। रितेश अग्रवाल की अगुआई वाले ओयो रूम्स ने वित्त वर्ष 2021 में 3943.84 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया। इसका मतलब है कि कंपनी को पिछले वित्त वर्ष के दौरान हर मिनट 76,077 रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी स्टार्टअप के रूप में स्विगी ने भारतीय मार्केट में अपनी साख बना ली है। हालांकि यह अभी भी घाटे में चल रही है। पिछले वित्त वर्ष में स्विगी को 1,314 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसका मतलब है कंपनी को इस अवधि के दौरान प्रति मिनट 25,347 रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
गुरुग्राम मुख्यालय वाले इस पेमेंट सर्विस स्टार्टअप को वित्त वर्ष 2021 में 111.3 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। इसका मतलब यह हुआ कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान स्टार्टअप को हर मिनट 2,147 रुपये का नुकसान हुआ।
नोएडा मुख्यालय वाली इस मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी को साल 2010 में विजय शेखर शर्मा ने शुरू किया था। डिजिटिल पेमेंट, ई-कॉमर्स और फाइनेंशियल सर्विसेज पर फोकस करने वाली इस फर्म को दिसंबर तिमाही में 778.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसका मतलब यह हुआ कि इस अवधि के दौरान कंपनी को हर मिनट 60,069 रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
ऑनलाइन इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म पॉलिसीबाजार और लोन की तुलना करने वाले प्लेटफॉर्म पैसाबाजार की पैरेंट कंपनी पीबी फिनटेक ने दिसंबर तिमाही में 298 करोड़ रुपये का दर्ज किया। इस हिसाब से कंपनी को कंपनी को दिसंबर तिमाही में हर मिनट 22,995 रुपये का नुकसान हुआ।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने पिछली तिमाही में 63.2 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया। इस तरह पिछली तिमाही में इस कंपनी ने हर मिनट 4,876 रुपये का घाटा दर्ज किया।
कार ट्रेड नवी मुंबई मुख्यालय वाला एक ऑनलाइन ऑटो क्लासीफाइड प्लेटफॉर्म है, जिसका इस्तेमाल लाखों लोग पुराने और नए वाहनों को बेचने और खरीदने के लिए करते हैं। पिछली तिमाही में कंपनी को 23.4 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जिसका मतलब है कि इस अवधि के दौरान कंपनी को हर मिनट 1,802 रुपये का नुकसान हुआ।