वॉलमार्ट के निवेश वाली डिजिटल कंपनी फोनपे (PhonePe) ने हाल ही में फिनटेक कंपनी जेस्टमनी (ZestMoney) के अधिग्रहण की योजना को रोक दिया। PhonePe के फाउंडर और सीईओ समीर निगम ने इस बारे में पहली बार सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिग्रहण के मूल्यांकान के लिए फोनपे ने करीब 6 महीनों तक सभी डॉक्यूमेंट्स और अन्य चीजों की पड़ताल की और पाया कि यह हमारे मानक को पूरा नहीं करता है। निगम ने मनीकंट्रोल को बताया, "इसमें चीजें इस तरह होती हैं कि पहले आप निवेशकों या मैनेजमेंट से बात करते हैं और एक आंकड़े पर सहमत होते है। फिर उस आंकड़े के आधार मूल्यांकन या ड्यू-डिलिजेंस किया जाता है। यह ड्यू-डिलिजेंस की प्रक्रिया छोटी भी हो सकती है, लंबी भी हो सकती है। हम आमतौर पर लंबी अवधि वाले ड्यू-डिलिजेंस में विश्वास करते हैं।"
फोनपे ने मंगलवार 4 अप्रैल को ओएनडीसी नेटवर्क पर अपना एक नया ऐप पिनकोड (Pincode) लॉन्च किया। इसी कार्यक्रम के दौरान मनीकंट्रोल के साथ एक अलग से हुई बातचीत में समीर निमग ने ये बातें कहीं।
निगम ने आगे कहा, "हम आम तौर पर लंबा ड्यू-डिलिसेंज करते हैं। हमने पूर्व के मौको से सीखा है कि हमें क्या चीजें डील से पहले जानने की जरूरत है। इसलिए हम अपने ड्यू-डिलिसेंज की प्रक्रिया में अधिक कठोर थे। यह डील असल में हमारे मानक को पूरा नहीं करता था।”
समीर निगम की यह टिप्पणी जेस्टमनी के डील को लेकर फोनपे की ओर से पहली आधिकारिक स्वीकृति है। फोनपे पिछले साल से जेस्टमनी को खरीदने के लिए मूल्यांकन की प्रक्रिया में था और नवंबर 2022 में इस बारे में पहली बार खबर आई थी। हालांकि PhonePe और ZestMoney दोनों इस बारे में आधिकारिक टिप्पणी करने से बचते आ रहे थे।
यह पूछे जाने पर कि डील से हटने के पीछे का मुख्य कारण क्या था, PhonePe के सीईओ ने कहा, "सिर्फ 2 चीजें हैं, जिसमें हम खरीदना चाह रहे थे। पहली चीज एसेट्स और दूसरी के साथ कंपनी के साथ आ रहे लोग। ये दोनों हमारी जांच-पड़ताल या ड्यू-डिलिजेंस का हिस्सा था। आखिर हम लोगों के चलते डील से नहीं हटे। हम लोगों को पसंद करते हैं।" समीर निमग का यह बयान बताता है कि जेस्टमनी के एसेट्स वह प्रमुख कारण था, जिसके चलते PhonePe डील से हटी।