फिनटेक यूनिकॉर्न रेजरपे (Razorpay) ने अपनी पेरेंट कंपनी के रिवर्स फ्लिप की प्रोसेस पूरी कर ली है, यानि इसकी पेरेंट कंपनी अब यूएस बेस्ड नहीं बल्कि इंडिया बेस्ड हो गई है। इस प्रोसेस में रेजरपे की अमेरिका में रजिस्टर्ड पेरेंट कंपनी का भारतीय सहायक कंपनी रेजरपे सॉफ्टवेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ विलय करना शामिल था। इस रीस्ट्रक्चरिंग से कंपनी के संचालन को भारतीय अधिकार क्षेत्र में कंसोलिडेट किया गया।
मनीकंट्रोल ने इससे जुड़े डॉक्युमेंट्स देखे हैं। साथ ही रेजरपे ने भी इस डेवलपमेंट को कनफर्म किया है। रेजरपे अपना IPO लाकर शेयर बाजारों में लिस्ट होना चाहती है। इसके लिए इसने पेरेंट एंटिटी को अमेरिका से भारत में शिफ्ट करने की प्रोसेस मई 2023 में शुरू की थी।
वित्त वर्ष 2028 के आसपास आ सकता है IPO
रिवर्स फ्लिप प्रोसेस पूरी होने के साथ रेजरपे अब अपने IPO की तैयारी के तहत अपने फाइनेंशियल्स को मजबूत करने पर फोकस करेगी। कंपनी का IPO वित्त वर्ष 2027-28 के आसपास आने की उम्मीद है। इसका लक्ष्य IPO के साथ आगे बढ़ने से पहले 6-8 तिमाहियों में साफ-सुथरा वित्तीय रिकॉर्ड क्रिएट करना है।
स्टार्टअप यूनिवर्स में इससे पहले ग्रो और जेप्टो भी अपने हेडक्वार्टर को भारत में शिफ्ट कर चुके हैं। सरकार के रेगुलेटरी रिफॉर्म्स ने रिवर्स मर्जर के लिए आवश्यक समय को 12-18 महीनों से घटाकर लगभग 3 से 4 महीने करके बदलाव को आसान बना दिया है।
रेजरपे को शशांक कुमार और हर्षिल माथुर ने साल 2014 में शुरू किया था। इसमें वाई कॉम्बिनेटर, जीआईसी, पीक XV, सिकोइया कैपिटल इंडिया, रिबिट कैपिटल, मैट्रिक्स पार्टनर्स, मास्टरकार्ड जैसे दिग्गजों का भी पैसा लगा हुआ है। रेजरपे में 74 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश आ चुका है। आखिरी बार कंपनी की वैल्यूएशन 7 अरब डॉलर आंकी गई थी।