रॉनी स्क्रूवाला की Upgrad कर सकती है अनएकैडमी का अधिग्रहण, 30-40 करोड़ डॉलर में हो सकती है डील

अपग्रेड और अनएकैडमी तीन हफ्ते में टर्म शीट पर हस्ताक्षर कर सकती हैं। इस डील के तहत अनएकैडमी के लैंग्वेज ऐप एयरलर्न (AirLearn) के लिए एक अलग कंपनी बनाई जाएगी। मुख्य टेस्ट-प्रेप बिजनेस को अपग्रेड को बेचा जाएगा। अपग्रेड की एयरलर्न में कोई हिस्सेदारी नहीं होगी

अपडेटेड Nov 06, 2025 पर 8:53 PM
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अनएकैडमी की शुरुआत 2015 में हुई थी। कोविड की महामारी के दौरान यह भारत की प्रमुख यूनिकॉर्न की लिस्ट में शामिल हो गई थी।

रॉनी स्क्रूवाला की अपग्रेड गौरव मुंजाल की अनएकैडमी का अधिग्रहण कर सकती है। इस बारे में बातचीत चल रही है। यह डील 30-40 करोड़ डॉलर में हो सकती है। इस मामले से जुड़े लोगों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। दोनों कंपनियां तीन हफ्ते में टर्म शीट पर हस्ताक्षर कर सकती हैं। लोगों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी। इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए मैसेज और कॉल के जवाब स्क्रूवाला और मुंजाल ने नहीं दिए।

लैंग्वलेज ऐप एयरलर्न के लिए अलग कंपनी बन सकती है

इस डील के लिए Unacademy की वैल्यूएशन 2021 की उसकी वैल्यूएशन से काफी कम है। तब कंपनी की वैल्यूएशन 3.44 अरब डॉलर लगाई गई थी। सूत्रों ने बताया कि इस डील के तहत अनएकैडमी के लैंग्वेज ऐप एयरलर्न (AirLearn) के लिए एक अलग कंपनी बनाई जाएगी। मुख्य टेस्ट-प्रेप बिजनेस को अपग्रेड को बेचा जाएगा। Upgrad की एयरलर्न में कोई हिस्सेदारी नहीं होगी।


अनएकैडमी के पास करीब 1200 करोड़ रुपये कैश

पिछले तीन सालों में अनएकैडमी के निवेश (Cash Burn) में तेज गिरावट आई है। यह सालाना 1,000 रुपये से घटकर करीब 100 करोड़ रुपये रह गई है। कंपनी के पास अभी करीब 1,200 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व है। ऐसे में यह डील काफी अट्रैक्टिव लगती है। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह बताया। मनीकंट्रोल ने इस साल मई में खबर दी थी कि अनएकैडमी के फाउंडर्स गौरव मुंजाल और रोमन सैनी रोजाना के कामकाज से खुद को अलग करने का प्लान बना रहे हैं।

कंपनी के मैनेजमेंट ने हो चुका है बड़ा बदलाव

अनएकैडमी के बोर्ड ने इसके फाउंडर्स को लीडरशिप में किसी तरह के बदलाव से पहले कैश बर्न में कमी लाने और ऑपरेशन को स्टैबलाइज करने को कहा था। यह काम पूरा हो गया है। मनीकंट्रोल ने सितंबर में बताया था कि को-फाउंडर सुमित जैन को अनएकैडमी के टेस्ट-प्रेप बिजनेस का सीईओ नियुक्त किया गया है। इससे कंपनी के मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव पूरा हो गया।

2015 में हुई थी अनएकैडमी की शुरुआत

अनएकैडमी की शुरुआत 2015 में हुई थी। कोविड की महामारी के दौरान यह भारत की प्रमुख यूनिकॉर्न की लिस्ट में शामिल हो गई थी। इसमें जनरल अटलांटिक, सॉफ्टबैंक और टेमासेक का निवेश है। टेमासेक ने अपग्रेड में भी निवेश किया है। कोविड की महामारी के बाद ऑनलाइन एजुकेशन बूम ठंडा पड़ा है। इससे इस फील्ड में कॉम्पटिशन बढ़ा है। कंपनियां कॉस्ट घटा रही हैं। नॉन-कोर वर्टिकल्स बंद किए गए हैं।

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FY24 में अनएकैडमी का रेवेन्यू 839 करोड़

FY24 में अनएकैडमी का रेवेन्यू 839 करोड़ रुपये था। यह एक साल पहले के मुकाबले करीब 7 फीसदी कम था। हालांकि, कंपनी का नेट लॉस 62 फीसीद घटकर 631 करोड़ रुपये रह गया था। अपग्रेड की शुरुआत रॉनी स्क्रूवाला, मयंक कुमार और फाल्गुन कोमानदुर ने की थी। अगर दोनों कंपनियों के बीच डील होती है तो इसे इस साल भारत के ऐडटेक स्पेस में एक बड़े कंसॉलिडेशन के रूप में देखा जाएगा। अपग्रेड की अच्छी मौजूदगी हायर एजुकेशन और स्किलंग में है, जबकि अनएकैडमी का टेस्ट-प्रेप नेटवर्क काफी स्ट्ऱॉन्ग है।

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