Steel Sector: बढ़ते आयात से बुरी तरह प्रभावित इंडियन स्टील इंडस्ट्री 2025 में अपने हितों की रक्षा के लिए पॉलिसी इनिशिएटिव पर नजर रखेगा। स्टील इंडस्ट्री कच्चे माल की अस्थिर कीमतों के बीच 30 करोड़ टन क्षमता के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। इंडस्ट्री के सामने एक और चुनौती क्लीन मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में बदलाव के प्रयासों में तेजी लाने की होगी, क्योंकि सरकार ग्रीन स्टील प्रोडक्शन को बढ़ावा दे रही है, और वैश्विक स्तर पर कठिन क्षेत्रों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने पर जोर दिया जा रहा है।
Steel Sector में सरकारी हस्तक्षेप की उम्मीद
सरकारी हस्तक्षेप जरूरी होगा, क्योंकि भारतीय इस्पात उद्योग 2030 तक 30 करोड़ टन प्रति वर्ष की विनिर्माण क्षमता बनाने के लिए विस्तार कर रहा है और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शेष 12 करोड़ टन क्षमता को जोड़ने के लिए लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी। इस्पात मंत्रालय के अनुसार, भारत स्टील का शुद्ध आयातक बना रहा, और वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-सितंबर में आयात, निर्यात से काफी अधिक रहा।
अप्रैल-सितंबर 2024 में 41 फीसदी बढ़ा आयात
अप्रैल-सितंबर 2024 की अवधि में आयात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 33.3 लाख टन से 41 फीसदी बढ़कर 47 लाख टन हो गया। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अप्रैल-सितंबर में निर्यात 36 लाख टन से 36 फीसदी घटकर 23.1 लाख टन रह गया। आयात के संबंध में मंत्रालय ने कहा कि उद्योग जगत द्वारा चीन से सीधे या वियतनाम जैसे देशों के माध्यम से होने वाले सस्ते आयात के खिलाफ संरक्षण की मांग बढ़ रही है।
ग्लोबल ट्रेंड घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी दिखाता है। यूरोपीय संघ ने पहले ही ‘कोल्ड’ और ‘हॉट’ रोल्ड स्टेनलेस स्टील पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगा दिया है, जबकि ब्राजील, मैक्सिको और अमेरिका ने भी अपने घरेलू बाजारों की सुरक्षा के लिए शुल्क लागू किए हैं।
आयातित कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 25% सुरक्षा शुल्क
दो दिसंबर को कॉमर्स डिपार्टमेंट के साथ बैठक में इस्पात मंत्रालय ने देश में आयातित कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 25 फीसदी सुरक्षा शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा। बैठक में इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे। वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने भी इंडियन स्टील एसोसिएशन (ISA) की शिकायत के बाद देश में कुछ स्टील फ्लैट प्रोडक्ट्स के आयात में कथित वृद्धि की जांच शुरू की है, जिसके सदस्यों में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, एएमएनएस इंडिया, जिंदल स्टील एंड पावर और राज्य के स्वामित्व वाली स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) शामिल हैं।