Adani-Hindenburg Case: अडानी-हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं और मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की ओर से रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग पर मंगलवार 16 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले में कल यानी बुधवाक 17 मई को शुरुआत होगी। SEBI ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डालकर अडानी ग्रुप (Adani Group) की जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा है।
इससे पहले सेबी (SEBI) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल एक बयान में कहा कि अदाणी ग्रुप (Adani Group) की ओर से नियमों के संभाविक उल्लंघन को लेकर कोई भी गलत या समय से पहले निकाला गया निष्कर्ष न्याय के उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा और इसलिए कानूनी रूप से अस्थिर होगा।
SEBI ने अपनी याचिका में कहा कि उसने 11 देशों के मार्केट रेगुलेटर से संपर्क कर यह जानकारी मांगी है कि क्या अदाणी ग्रुप ने अपने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयरों के मामले में किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन किया है। नियामक ने कहा, 'किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विभिन्न स्रोतों से मिले दस्तावेजों का गहन विश्लेषण करना होगा।'
अदाणी ग्रुप की जांच का मामला तब आया, जब इस साल की शुरुआत में अमेरिका की एक शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने एक रिपोर्ट जारी किया। इस रिपोर्ट में अरबपति गौतम अदाणी की अगुआई वाले ग्रुप पर टैक्स हैवन देशों का इस्तेमाल और शेयरों की कीमतों में हेरफेर का आरोप लगाया था। हालांकि अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
यह मामला सुप्रीर्ट कोर्ट भी पहुंचा था, जिसके बाद कोर्ट ने 2 मार्च को सेबी को इस मामले की जांच करने और 2 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। हालांकि सेबी ने अपनी नई याचिका में कोर्ट से जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का समय मांगा है।
हालांकि कोर्ट ने 12 मई को हुई सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा था कि वह जांच पूरी करने के लिए SEBI को तीन महीने का और समय देने पर विचार कर सकते हैं।