Tata Sons के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने स्लेडाउन की आशंका खारिज कर दी है। उन्होंने कहा है कि टाटा ग्रुप की कंपनियों ने जिस तरह की डिमांड देखी है, उससे किसी तरह का स्लोडाउन नहीं लगता। टाटा समूह नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक के बिजनेस में मौजूद है। चंद्रशेखरन ने कहा कि स्टील से लेकर कंज्यूमर इंडस्ट्री में बहुत स्ट्रॉन्ग डिमांड है। अभी सभी कंपनियों ने रिजल्ट्स पेश नहीं किए हैं। लेकिन, ग्रुप की रफ्तार को देखकर ऐसा लगता है कि आगे हमारी ग्रोथ 20 फीसदी से ज्यादा रहेगी।
छोटे शहरों में स्ट्रॉन्ग डिमांड
टाटा संस के चीफ ने BT Mindrush में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हमें कंज्यूमर बिजनेस में किसी तरह का स्लोडाउन नहीं दिख रहा। टियर 1 और टियर 2 शहरों के मुकाबले टियर 3 और टियर 4 शहरों में डिस्क्रेशनरी और नॉन-डिस्क्रेशनरी दोनों तरह के आइटम्स की ज्यादा मांग है। उन्होंने टाटा समूह की कंपनियों के प्रदर्शन को लेकर भरोसा जताया। लेकिन इस बात से सहमति जताई कि इंटरनेशनल डेवलपमेंट के चलते सावधानी बरती जा रही है।
ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर चिंता
उन्होंने कहा कि अमेरिका और इंग्लैंड में हाई इनफ्लेशन की प्रॉब्लम है। रूस-यूक्रेन लड़ाई की वजह से यूरोप में एनर्जी से जुड़े मसले हैं। अमेरिका-चीन के बीच टकराव की वजह से स्थिति जटिल हुई है। इन वजहों से ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर निगेटिव व्यूज हैं। जहां तक हमारी बात है तो हमारा फोकस ग्रोथ पर है। लेकिन, हमारी नजरें ग्लोबल डेवलपमेंट्स पर हैं।
अधिग्रहण के मौके तलाश रहा टाटा समूह
चंद्रशेखरन ने टाटा समूह के एक्विजिशन प्लान के बारे में भी बताया। हाल में BigBasket और IMG के अधिग्रहण और Air India को खरीदने के बाद यह समूह सेमीकंडक्टर स्पेस में अधिग्रहण के मौके तलाशेगा। उन्होंने कहा, "सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की हमारी जर्नी में भी हम एक्विजिशन के मौके तलाश रहे हैं। कुछ एक्विजिशन किए जाएंगे।" उन्होंने संकेत दिए कि टाटा समूह ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों ही तरीकों से एक्विजिशन जारी रखेगा।
उन्होंने कहा, "हम वह करेंगे जो सही है। जहां ऑर्गेनिक का मौका होगा हम ऑर्गेनिक करेंगे। जहां हमें इनऑर्गेनिक का मौका दिखेंगे हम पक्के तौर पर उसका इस्तेमाल करेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एनर्जी ट्रांजिशन पर सभी बिजनेस-टू-बिजनेस और बिजनेस-टू-कंज्यूमर कंपनियों का फोकस होगा। AI बड़ा बदलाव लाएगा। इसका असर जॉब्स और फ्यूचर में हासिल किए जाने वाले स्किल्स पर पड़ेगा।