इस बार दिवाली पर बाजारों में रौनक है। हालांकि शेयर बाजार में पिछले हफ्ते बड़ी गिरावट देखने को मिली लेकिन आज बाजार संभलते नजर आए है। एक दूसरा निवेश क्रिप्टोकरेंसी भी आज कल भरपूर चर्चा में है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी एक बेहतर विकल्प है और क्या सोने को टक्कर दे सकता है। अब तक बिटकॉइन की चमक ने सबको चकाचौध किया है और अब सवाल यह है कि क्या इस दिवाली पर क्रिप्टो धन बरसा सकता है। दूसरा सवाल यह है कि दिवाली सोने और बिटकॉइन में बेहतर विकल्प कौन है और अगली दिवाली तक के लिए क्रिप्टो का आउटलुक क्या है। यहां हमने इन्ही सवालों के जबाव खोजने की कोशिश की है। हमारे सवालों का जबाव देने के लिए हमारा साथ दे रहे है WazirX के फाउडर एंड सीईओ Nischal Shetty,CoinSwitch.co के फाउडर एंड सीईओ Ashish singhal, ZebPay के Avinash Shekhar।
आइए सबसे पहले डाल लेते है एक नजर पिछली दिवाली से इस दिवाली तक क्रिप्टो के रिटर्न पर एक नजर
दिवाली से दिवाली तक रिटर्न
पिछली दिवाली से इस दिवाली तक Bitcoin ने 360 फीसदी, Ethereum ने 1,023 फीसदी , Polkadot ने 119 फीसदी, Litecoin ने 299 फीसदी, Ripple ने 361 फीसदी, Stellar ने 384 फीसदी, Cardano ने 2,005 फीसदी और Dogecoin ने 10412 फीसदी का रिटर्न दिया है।
निश्चल शेट्टी का कहना है कि क्रिप्टो मार्केट में 1 साल में 900% तक की ग्रोथ देखने को मिली है। इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में करीब 1000% का इजाफा हुआ है। क्रिप्टो के रेगुलेशन को लेकर पॉजिटिव खबरों से इसको सपोर्ट मिला है। ग्लोबल स्तर पर क्रिप्टो से जुड़ी कई पॉजिटिव खबरे आने से भारत में भी इसके लिए रुझान बढ़ा है।
निश्चल शेट्टी ने इस बातचीत में आगे कहा कि दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने निवेश किया है। बड़ी कंपनियों के क्रिप्टो में निवेश से इसमें निवेशका का कॉन्फिडेंस बढ़ा है। हालांकि नया मार्केट होने की वजह से इसमें वॉलिटिलिटी ज्याद है। इसके रेगुलेशन पर भारत और दुनियाभर से पॉजिटिव खबरें आ रही है। हालांकि ग्लोबल लेवल पर इसका रेगुलेशन अभी प्रथम चरण पर है। इसलिए क्रिप्टो में निवेश को लेकर सावधानी जरूरी है। क्रिप्टो में निवेश से पहले उसको लेकर एक्सचेंज से जुड़े पूरा रिसर्च करें। भारत में एक्सचेंजों ने मिलकर सेल्फ रेगुलेशन बनाया है लेकिन क्रिप्टो पर सरकार की तरफ से रेगुलेशन आना बेहद जरूरी है।
इस बातचीत में आशीष सिंघल ने कहा कि सिर्फ 16 महीने में CoinSwitch के 1.2 करोड़ यूजर्स बने है। खास बात यह है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों से काफी यूजर्स जुड़े है। क्रिप्टो सिर्फ इंडिया में नहीं, पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय है। पूरी दुनिया के लोग भारत की तरफ देख रहे हैं। भारत में सरकार से जल्द ही किसी रेगुलेशन की उम्मीद है। अगर क्रिप्टो को भारत में मंजूरी मिल जाती है तो इससे सरकार को बड़ी संख्या में टैक्स मिलेगा।
अविनाश शेखर का कहना है कि भारत में पिछले 1 साल में क्रिप्टो ट्रांजैक्शन में 8-10 गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारत में क्रिप्टो मार्केट अभी शुरुआती दौर में है और अगले 1 साल में ग्रोथ में और तेजी की उम्मीद है। भारत में क्रिप्टो में ट्रेडिंग के लिए कई एक्सचेंज है। भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज में निवेश आ रहा है। अगर सरकार क्रिप्टो का रेगुलेशन कर देती है तो एक्सचेंज में निवेश और बढ़ेगा।
इस बातचीत में निश्चल शेट्टी ने आगे कहा कि क्रिप्टो हाई रिस्क, हाई रिटर्न कैटेगरी में आता है। क्रिप्टो में लोग 5-10% तक निवेश करते हैं। क्रिप्टो का कुल निवेश का 40-50% बिटकॉइन में होता है। सेकेंड कैटेगरी टोकन में 25% तक निवेश किया जाता है। नए लॉन्च होने वाले टोकन में 25% तक निवेश रहता है। भारत में DeFi और NFT तेजी से पॉपुलर हुआ है। इसमें कई सेलिब्रिटी के जुड़ने से तेज ग्रोथ की उम्मीद दिखी है। भारत में शुरुआत में ही NFT काफी पॉपुलर हुआ है।
अविनाश शेखर का कहना है कि एक्सचेंज, नए-नए टोकन के लिए रेगुलेशन जरूरी है। रेगुलेशन आने से क्रिप्टो मार्केट ग्रोथ में तेजी आएगी।